Cyber Cell: WhatsApp DP लगाकर 7 करोड़ ठग लिए
साइबर अपराधी लगातार नई-नई तकनीकों का सहारा लेकर ठगी के मामलों को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला व्हाट्सएप पर कंपनियों के सीईओ या एमडी की फर्जी प्रोफाइल बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी से जुड़ा है। इस नई साइबर धोखाधड़ी में, अपराधी कंपनियों के अकाउंटेंट या वित्तीय प्रबंधकों से संपर्क कर आपातकालीन फंड ट्रांसफर के बहाने उन्हें लाखों-करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहे हैं।

साइबर अपराधी लगातार नई-नई तकनीकों का सहारा लेकर ठगी के मामलों को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला व्हाट्सएप पर कंपनियों के सीईओ या एमडी की फर्जी प्रोफाइल बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी से जुड़ा है। इस नई साइबर धोखाधड़ी में, अपराधी कंपनियों के अकाउंटेंट या वित्तीय प्रबंधकों से संपर्क कर आपातकालीन फंड ट्रांसफर के बहाने उन्हें लाखों-करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहे हैं।
कैसे होती है ठगी?
साइबर ठग कंपनियों की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से सीईओ, एमडी या मालिक की तस्वीर लेकर फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाते हैं। इसके बाद, वे कंपनी के अकाउंटेंट या वित्तीय अधिकारी से संपर्क कर आपातकालीन स्थितियों का हवाला देते हैं। अपराधी खुद को कंपनी का वरिष्ठ अधिकारी बताकर फंड ट्रांसफर करने का निर्देश देते हैं।
आईएफएसओ (पुलिस) के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि पिछले 10 दिनों में तीन ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कुल 7 करोड़ रुपये की ठगी की गई है।
तीन बड़े ठगी के मामले
पहली घटना:
एक कंपनी के अकाउंट मैनेजर से फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल के जरिए संपर्क किया गया।
जालसाज ने "नए प्रोजेक्ट" के लिए तत्काल 1.15 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने को कहा।
मैनेजर ने बिना सत्यापन के राशि ट्रांसफर कर दी।
दूसरी घटना:
साइबर अपराधी ने सीएफओ को 4.96 करोड़ रुपये के दो अलग-अलग लेन-देन करने का निर्देश दिया।
जालसाज ने कहा कि एमडी सरकारी अधिकारियों के साथ व्यस्त हैं, जिससे फंड ट्रांसफर को तत्काल प्राथमिकता देने का दबाव बनाया गया।
तीसरी घटना:
जालसाज ने एक प्रतिष्ठित कंपनी के निदेशक के रिश्तेदार के नाम पर अकाउंटेंट से संपर्क किया।
अकाउंटेंट ने 90 लाख रुपये (दो किस्तों में 50 लाख और 40 लाख) जालसाज द्वारा दिए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए।
डीसीपी हेमंत तिवारी ने कहा
यह धोखाधड़ी कंपनियों के भीतर साइबर सुरक्षा और फंड ट्रांसफर प्रक्रियाओं की खामियों को उजागर करती है।"
चेतावनी और सलाह
ऐसे मामलों में सतर्क रहना आवश्यक है। किसी भी वित्तीय लेन-देन को फर्जी प्रोफाइल्स के जरिए निर्देशित करने वाले अनुरोधों पर तुरंत कार्रवाई करने से बचें और इसे कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करें।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर: यदि आप या आपकी कंपनी इस तरह के अपराध का शिकार होती है, तो तुरंत 1930 पर संपर्क करें।