दिल्ली के 493 अस्पतालों में मिलेगा बुजुर्गों को मुफ्त इलाज ,आयुष्मान वय वंदना योजना से कैसे होगा फायदा।
दिवाली से पहले मोदी सरकार ने 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए एक शानदार योजना शुरू की है। आयुष्मान वय वंदना योजना के तहत अब बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा, चाहे उनकी आमदनी किसी भी स्तर पर हो। इस योजना का उद्देश्य बुजुर्गों को इलाज के खर्चे से राहत देना और उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।

दिवाली से पहले मोदी सरकार ने 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए एक शानदार योजना शुरू की है। आयुष्मान वय वंदना योजना के तहत अब बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा, चाहे उनकी आमदनी किसी भी स्तर पर हो। इस योजना का उद्देश्य बुजुर्गों को इलाज के खर्चे से राहत देना और उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
दिल्ली में 493 अस्पतालों में मिलेगा इलाज
इस योजना के तहत दिल्ली के 493 अस्पतालों में बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। इनमें सफदरजंग हॉस्पिटल, एम्स, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल, और गुरु गोबिंद सिंह हॉस्पिटल जैसे प्रमुख अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों की पूरी लिस्ट आप आयुष्मान भारत की वेबसाइट पर देख सकते हैं।
क्या है आयुष्मान वय वंदना कार्ड?
इस योजना के तहत 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड जारी किया जाएगा। यह कार्ड बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिलवाएगा। खास बात यह है कि इसमें किसी भी आय सीमा का कोई बंधन नहीं है, यानी कोई भी 70+ साल का व्यक्ति इसका फायदा ले सकता है। इस कार्ड से इलाज के खर्चे में बहुत मदद मिलेगी। अगर बुजुर्ग दंपत्ति हैं, तो दोनों के लिए मिलाकर 5 लाख रुपये तक का इलाज मिलेगा।
सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
यह योजना सरकारी कर्मचारियों और सेना के हेल्थ स्कीम से जुड़े बुजुर्गों के लिए भी लाभकारी होगी। इन बुजुर्गों को अपनी पुरानी स्कीम से बाहर जाने या इस नए कवर को चुनने का विकल्प मिलेगा। इससे लगभग 6 करोड़ बुजुर्गों को हेल्थ सुविधाएं मिल सकेंगी।
आयुष्मान वय वंदना योजना बुजुर्गों के लिए एक बेहतरीन तोहफा साबित हो रही है। इसका मकसद है कि बुजुर्गों को इलाज के खर्चे की चिंता न हो और वे आसानी से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। इस योजना से न केवल बुजुर्गों को राहत मिलेगी, बल्कि दिल्ली के बड़े अस्पतालों में उनका इलाज संभव होगा।