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Greater Noida Authority पर लगे आरोप, 14 सालों से नहीं दिया जा रहा है प्लॉट का अधिकार

GNIDA के जरिए प्लॉट पर 2013 तक कब्जा देने की बात कही गई थी, लेकिन अब होम बायर्स की ओर से आरोप  लगाया जा रहा है कि लगभग 14 साल बीत जाने के बाद भी उनकों अपना हक नहीं मिला है।

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Greater Noida Industrial Development Authority (GNIDA)
Greater Noida Industrial Development Authority (GNIDA)

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (GNIDA) के जरिए 2010 में एक आवासीय भूखंड योजना RPS02 निकाली गई थी जिसमें होम बायर्स को सेक्टर ZETA-2 में प्लॉट देने की बात की गई थी। GNIDA के जरिए प्लॉट पर 2013 तक कब्जा देने की बात कही गई थी, लेकिन अब होम बायर्स की ओर से आरोप  लगाया जा रहा है कि लगभग 14 साल बीत जाने के बाद भी उनकों अपना हक नहीं मिला है।

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जिनकों आवंटन मिला है कि वो पूरे पैसे दे चुके हैं,लेकिन फिर भी उन्हें यहाँ रहने की इजाज़त नहीं मिल पा रही है। लेकिन आपको बता दें कि साल 2019 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण  की ओर से ये योजना रद्द कर दी गई थी।  यहां निवेश किए लोगों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोर्ट की ओर से स्टे ऑर्डर दिया गया। इसके साथ ही प्राधिकरण को आदेश दिया कि निवेशकों को वैकल्पिक जगह दी जाए।  

2022 में आवासीय भूखंड योजना RPS02, सेक्टर ZETA-2 की 128वीं बैठक में प्राधिकरण ने निर्णय लिया कि वो इस योजना को दोबारा शुरू करेंगे मगर आवंटर दर रुपए ₹11550 से बढ़ाकर ₹34000 प्रतिवर्गमीटर कर दिया गया था जिसके खिलाफ फिर से निवेशक हाई कोर्ट गए जहां कोर्ट ने प्राधिकरण को कड़ी फटकार लगाई और आवंटिओ की समस्या को 3 महीने में ख़त्म करने का आदेश दिया।

जिसके बाद प्राधिकरण की ओर से पैसे वापस करने के लिए एक हफ़्ते में दो लेटर जारी कर दिए जिसके बाद फिर निवेशक कोर्ट पहुँच गए। प्राधिकरण की ओर से वकील ने कहा कि क़ब्ज़ा ना देने का कारण सिर्फ़ बढ़ी हुई आवंटर दर है क्योंकि प्राधिकरण के पास भूमि है। इसपर निवेशकों ने बताया कि वो माँगी हुई आवंटर दरें पहले ही दे चुके हैं।