
Dollar के मुकाबले रुपया हुआ मजबूत, 5 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंचे भाव
भारतीय रुपया आज 5 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया है। रुपया बाजार में बढ़ती मांग और कमजोर हो रहे डॉलर के प्रभाव से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। विपरीत रूप से, डॉलर ने अपनी कमजोरी के चलते रुपया के सामरिक प्रतिस्पर्धीता में धीमी गति दर्ज की है। भारतीय मुद्रा बाजार में आज रुपया-डॉलर की मुद्रास्फीति में 0.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे रुपया 75.20 डॉलर के मुकाबले पहुंच गया है। यह अंतिम 5 हफ्तों का सबसे ऊंचा स्तर है। विपरीत रूप से, डॉलर 75.20 रुपया के मुकाबले अपनी मजबूती को बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।

भारतीय रुपया आज 5 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया है। रुपया बाजार में बढ़ती मांग और कमजोर हो रहे डॉलर के प्रभाव से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। विपरीत रूप से, डॉलर ने अपनी कमजोरी के चलते रुपया के सामरिक प्रतिस्पर्धीता में धीमी गति दर्ज की है। भारतीय मुद्रा बाजार में आज रुपया-डॉलर की मुद्रास्फीति में 0.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे रुपया 75.20 डॉलर के मुकाबले पहुंच गया है। यह अंतिम 5 हफ्तों का सबसे ऊंचा स्तर है। विपरीत रूप से, डॉलर 75.20 रुपया के मुकाबले अपनी मजबूती को बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। इस बदलते मुद्रा दर में रुपया के मजबूत होने का पीछा अनेक कारकों से हो सकता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की आशंका, बढ़ती निवेश स्थितियाँ, बाजार में बढ़ती ऊंचाई और रिजर्व बैंक के मोनेटरी नीति में सावधानी के कारण रुपया में उछाल आ सकती है। डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ है और 5 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया. 28 April के बाद से रुपये की वैल्यू में ये सबसे बड़ी मजबूती है। 28 अप्रैल के हफ्ते में रुपया 26.50 पैसे मजबूत होकर 81.83 पर पहुंच गया था। वहीं, इस हफ्ते रुपया करीब 22.88 पैसे मजबूत हुआ है।
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आज रुपया, डॉलर के मुकाबले 10 पैसे मजबूती के साथ सुबह 11:33 बजे तक 82.32 पर ट्रेड कर रहा था। फॉरेक्स एडवाइजरी फर्म मेकलाई फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) से लगातार नेट इनफ्लो, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सदस्यों की टिप्पणी और उम्मीद से बेहतर GDP डेटा के कारण रुपये में तेजी दर्ज की जा रही है। विदेशी मुद्रा डॉलर के प्रतिस्पर्धीता में कमजोरी के कारण भी रुपया को मुद्रास्फीति में लाभ हो रहा है।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में दरारों के चलते डॉलर में गिरावट आई है और इसके परिणामस्वरूप रुपया और कई अन्य मुद्राओं के मुकाबले मजबूती प्रदर्शित कर रहा है। विश्व वित्तीय बाजारों की चेतावनी और वैश्विक राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर रुपया के प्रतिस्पर्धीता में अवकाश रहेगा।अनुमानित रूप से, रुपया और डॉलर के बीच की मुद्रास्फीति दौरानिक आधार पर परिवर्तन कर सकती है, जिससे व्यापारिक और वित्तीय गतिविधियों में प्रभाव पैदा हो सकता है। भारतीय व्यापारिक समुदाय के लिए रुपया की मजबूती सुखद समाचार है, क्योंकि इससे निर्यातकों को विदेशी मार्केटों में अधिक मान्यता मिलेगी और विदेशी मुद्रा के लिए उचित मुद्रास्फीति का पालन किया जा सकेगा।
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