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RBI की ARC के साथ बैठक, रिकवरी प्रोसेस में ट्रांसपेरेंसी पर जोर

आरबीआई ने एक रिलीज में कहा कि सम्मेलन में सभी 27 एआरसी का प्रतिनिधित्व करने वाले 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। उपस्थित लोगों में डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव, स्वामीनाथन जे., कार्यकारी निदेशक एस सी मुर्मू, सौरव सिन्हा, जे के दास और रोहित जैन के साथ-साथ रिज़र्व बैंक के विनियमन और पर्यवेक्षण विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने Asset Reconstruction Companies (एआरसी) के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की, जिसमें रिकवरी प्रोसेस में ट्रांसपेरेंसी और नॉन-डिस्क्रिमिनेटेरी प्रैक्टिस का आह्वान किया। आरबीआई की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि  एआरसी को रिजर्व बैंक के जरिए लागू व्यापक निष्पक्ष अभ्यास कोड (एफपीसी) के अनुरूप ट्रांसपेरेंसी और नॉन-डिस्क्रिमिनेटेरी प्रैक्टिस को अपनाने पर जोर देना चाहिए।

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आरबीआई ने एक रिलीज में कहा कि सम्मेलन में सभी 27 एआरसी का प्रतिनिधित्व करने वाले 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। उपस्थित लोगों में डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव, स्वामीनाथन जे., कार्यकारी निदेशक एस सी मुर्मू, सौरव सिन्हा, जे के दास और रोहित जैन के साथ-साथ रिज़र्व बैंक के विनियमन और पर्यवेक्षण विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि स्पॉटलाइट उन प्रैक्टिस पर है जहां "व्हाइट नाइट्स" के रूप में जाने जाने वाले नए निवेशकों की आड़ में डिफॉल्ट करने वाले प्रमोटर्स, एआरसी के जरिए व्यवस्थित सेटलमेंट के माध्यम से प्रोजेक्ट्स में फिर से एंट्री करते हैं। इन व्यवस्थाओं में अक्सर ऐसी शर्तें शामिल होती हैं जो न केवल कर्ज का सेटलमेंट करती हैं बल्कि विवादास्पद रूप से चूक करने वाले प्रमोटरों को परियोजना में हिस्सेदारी हासिल करने की अनुमति भी देती हैं।

सूत्रों ने बतया कि एक मामले में एसेट केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज लिमिटेड (एसीआरई) शामिल है, जो 2018 के आईएल एंड एफएस वित्तीय संकट के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त करने वाला एआरसी है। एसीआरई के हालिया लेन-देन में अल्टिको कैपिटल इंडिया से महत्वपूर्ण कर्ज की भी बात सामने आई है, जिसका उद्देश्य मुंबई के कांदिवली में एक आवासीय परियोजना थी, जिसका प्रबंधन बॉम्बे स्लम रिडेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, एक डिफॉल्ट प्रमोटर के जरिए किया गया था।

सूत्रों की मानें तो जनवरी, 2023 को एसीआरई ने नकदी और रियल एस्टेट स्थान से जुड़ी एक स्ट्रक्चर्ड पेमेंट प्लान के लिए नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया, जिसका कुल अनुमानित मूल्य 175 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। इस एनओसी के आधार पर डिफॉल्टर बॉम्बे स्लम ने फरवरी 2023 को व्हाइट नाइट के रूप में कार्य करने वाली एक अन्य इकाई के साथ एक डेवलेपमेंट डील की। यह डील डिफॉल्टर को लंबित परियोजना दायित्वों को पूरा करने के मामूली विचार के लिए परियोजना की विकसित संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा, जिसका मूल्य लगभग 330 करोड़ रुपये है, अपने पास रखने की अनुमति देता है। इसने हितों के संभावित टकराव और नैतिक निहितार्थों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वहीं एआरसी पर जांच दिसंबर 2021 में तेज हो गई जब आयकर (आईटी) विभाग ने कई एआरसी परिसरों में तलाशी और जब्ती की। इन जांचों से पता चला कि कुछ एआरसी कर्ज देने वाले बैंकों से गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) प्राप्त करते समय अनुचित और धोखाधड़ी वाले बिजनेस प्रैक्टिस में लगे हुए थे। 

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