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New Tax Regime क्या है न्यू टैक्स रिजीम: क्या मध्यम वर्ग को मिलेगी 5 लाख रुपये की छूट?

मोदी सरकार जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रही है। इस बार बजट में इनकम टैक्स की छूट सीमा को बढ़ाया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 10 लाख तक की आय वालों को बहुत बड़ी राहत मिल जाएगी।

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मोदी सरकार जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी
मोदी सरकार जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी

मोदी सरकार जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रही है। इस बार बजट में इनकम टैक्स की छूट सीमा को बढ़ाया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 10 लाख तक की आय वालों को बहुत बड़ी राहत मिल जाएगी।माना जा रहा है कि इस स्लैब में कर छूट की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है। वहीं, सालाना 15 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर 30 फीसदी कर का प्रावधान है। इस आय सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जा सकता है।

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टैक्सपेयर्स के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बजट में राहत मिलती है तो इससे टैक्सपेयर्स के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा। इससे वह ज्यादा रकम खर्च कर पाएंगे। सरकार के इस कदम से उन लोगों की कर देनदारी 10,400 रुपये तक कम हो जाएगी, जो सालाना कमाई 7.6 लाख रुपये से 50 लाख रुपये की सीमा में आते हैं। वहीं, 50 लाख से एक करोड़ रुपये के टैक्स स्लैब में आने वाले लोगों को 11,400 रुपये तक कम टैक्स चुकाना होगा।

दो तरह की कर व्यवस्थाएं है

देश में अभी दो तरह की कर व्यवस्थाएं है – पुरानी और नई। पुरानी व्यवस्था उन लोगों के लिए सही है, जो होम लोन की ईएमआई दे रहे हैं। या जीवन/स्वास्थ्य बीमा या अन्य जगह निवेश कर रहे हैं। इसमें आयकर धारा 80सी के तहत कर छूट का लाभ मिलता है। वहीं, नई व्यवस्था उनके लिए ठीक है, जिनकी नई नौकरी लगी है और जिनकी बचत या कोई देनदारी नहीं है। इसमें 7.5 लाख रुपये की आय तक कोई कर नहीं लगता है। इसमें 50 हजार की मानक कटौती भी शामिल है। 

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भारतीय अर्थव्यवस्था घटती खपत की समस्या से जूझ रही

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था घटती खपत की समस्या से जूझ रही है। इससे निपटने के लिए सरकार में नीति निर्माता आयकर ढांचे को तर्कसंगत बनाने के पक्ष में हैं। खासकर निम्न आय वर्ग के लिए। ऐसा माना जाता है कि कर कटौती से व्यक्तियों की आय में वृद्धि होगी। जैसे-जैसे आय बढ़ेगी, लोग अधिक खर्च करेंगे। इससे खपत बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। हाल में हुए एक सर्वे के अनुसार, लोगों ने महंगाई, बेरोजगारी और कम होती इनकम को लेकर चिंता जताई है। वहीं, एक तरफ जहां भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 में 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी है, दूसरी तरफ खपत में उससे आधी गति से इजाफा हुआ है।