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Budget 2024: क्या आपको मिलने वाले है ज्यादा पैसे, बजट में वित्त मंत्री कर सकती हैं ये ऐलान

आम लोगों के हाथों में अधिक पैसा पहुंचाने के लिए एक प्रस्ताव यह भी है कि मनरेगा में ज्यादा फंड डाले जाएं। सरकार इसके लिए किसानों को मिलने वाली आर्थिक मदद की राशि में भी बढ़ोतरी कर सकती है। उपभोग या खपत को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री बजट में ये ऐलान कर सकती हैं।

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वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी
वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी

वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा। लोकसभा चुनाव से पहले आने वाला ये अंतरिम बजट है। आम चुनावों के बाद जब नई सरकार बनेगी उसके बाद फिर से पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। इस बजट को लेकर बड़े ऐलान की संभावना कम है। हालांकि देश के हर वर्ग के लोगों ने वित्त मंत्री ने उम्मीदें लगा रखी हैं। जानकारों का मानना है कि चुनाव से पहले आने वाले इस बजट में  वित्त मंत्री उपभोग को बढ़ाने पर जोर दे सकती हैं। 

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आम लोगों के लिए फायदे का बजट 

जानकारों की माने को लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले इस बजट में सरकार का फोकस उपभोग बढ़ाने पर हो सकता है। वित्त मंत्री ऐसे ऐलान कर सकती है, जिससे आम जनता के हाथों में ज्यादा पैसे पहुंचें। जानकारों की माने तो वित्त मंत्री खपत को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बजट में ऐलान कर सकती हैं। खपत या उपभोग को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि लोगों के हाथों में अधिक पैसा आए। लोगों के हाथों में पैसे आ जाए, इसके लिए संभावित तरीका है टैक्स स्लैब में बदलाव या फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी किया जाए। टैक्स स्लैब में बदलाव या फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी से लोगों पर टैक्स का बोझ कम होगा और उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा। 

मनरेगा फंड में बढ़ोतरी 

वहीं आम लोगों के हाथों में अधिक पैसा पहुंचाने के लिए एक प्रस्ताव यह भी है कि मनरेगा में ज्यादा फंड डाले जाएं। सरकार इसके लिए किसानों को मिलने वाली आर्थिक मदद की राशि में भी बढ़ोतरी कर सकती है। उपभोग या खपत को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री बजट में ये ऐलान कर सकती हैं। हालांकि टैक्स के मोर्चे पर बड़े बदलाव की उम्मीद बहुत कम है। यानी स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट में बढ़ोतरी या टैक्स स्लैब में किसी बदलाव की संभावना बहुत कम है। वहीं चुनावी साल होने की वजह से अंतरिम बजट में नई योजनाएं भी नहीं शुरू की जाती हैं। ऐसे में खपत बढ़ाने के लिए सरकार को पुरानी योजनाओं में ही बदलाव पर जोर देना होगा।