भारत में बढ़ने वाले हैं पेट्रोल डीजल के दाम?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है... एक तरफ मिडिल ईस्ट जंग की आग में तप रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है... एक तरफ मिडिल ईस्ट जंग की आग में तप रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है। दुनियाभर की निगाहें फिलहाल इज़रायल पर टिकी हुईं हैं, क्योंकि इज़रायल ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब देने की तैयारियों में जुटा हुआ है। इज़रायल किसी भी वक्त उसके तेल ठिकानों पर हमला कर सकता है, इसी आशंका ने तेल की कीमतों में आग लगा दी है। अब तेल की बढ़ती क़ीमतों पर गोल्डमैन सैक्स ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है, क्या है।
पूरी ख़बर, और इसका असर क्या होगा?
मिडिल ईस्ट में जिस हिसाब से तनाव बढ़ रहा है। उससे तो यही लगता है कि ये मामला जल्दी शांत नहीं होने वाला, ऐसे में तेल सप्लाई को लेकर संकट और गहरा सकता है।
ईरान जो कि OPEC का सदस्य है रोजाना 3 मिलियन बैरल से ज्यादा कच्चा तेल का उत्पादन करता है। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड 5% से ज्यादा उछल गया, जो कि एक साल के दौरान एक दिन में सबसे बड़ा उछाल है। ब्रेंट जो फिलहाल 78 डॉलर प्रति बैरल के करीब घूम रहा है, एक महीने के हाई पर ट्रेड कर रहा है, WTI क्रूड भी 74 डॉलर प्रति बैरल के करीब है।
गोल्डमैन सैक्स ने की बड़ी भविष्यवाणी
अब हालिया तनाव को मद्देनज़र रखते हुए गोल्डमैन सैक्स ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। गोल्डमैन के मुताबिक अगर इज़रायल ईरानी हमलों का जवाब देता है, तो तेल की क़ीमतों में 20 डॉलर प्रति बैरल तक का उछाल आ सकता है। गोल्डमैन सैक्स के कोमोडिटिज़ रिसर्च के को हेड के मुताबिक अगर ईरानी उत्पादन में प्रति दिन 1 मिलियन बैरल की निरंतर गिरावट आती है, तो अगले वर्ष तेल की कीमतों में लगभग 20 डॉलर प्रति बैरल की चरम वृद्धि देखने को मिल सकती है।
गोल्डमैन के अलावा सिटीग्रुप ने भी इस मामले पर अपनी राय दी है। सिटीग्रुप के अनुमान के मुताबिक अगर इजरायल, ईरान के कच्चे तेल की फैसिलिटीज पर हमला करता है तो मार्केट से रोजाना 1.5 मिलियन बैरल की सप्लाई घट जाएगी। सिटीग्रुप रिपोर्ट में कहता है कि अगर इजरायल छोटे इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला करता है, जैसे कि डाउनस्ट्रीम एसेट्स पर, तो 3 लाख से 4.5 लाख बैरल उत्पादन का नुकसान होगाl
कच्चे तेल की कीमतों में उबाल
अब बड़ा सवाल ये है कि कच्चे तेल की कीमतों में उबाल से भारत में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में कमी के जो क्यास लगाए जा रहे थे वो अब धूमिल होते दिख रहे हैं। वैसे भी महंगा कच्चा तेल भारत की इकोनॉमी के खेल को बिगाड़ सकता है।
कच्चे तेल के भाव में 10 डॉलर का इजाफा होने पर भारत में महंगाई 0.3 फीसदी बढ़ जाती है। साथ ही करंट अकाउंट डेफिसिट 12.5 अरब डॉलर बढ़ जाती है, ये जीडीपी के 43 बेसिस प्वॉइंट के बराबर हैl