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Zerodha, Groww, Angle One, Upstox अब क्या करेंगे ?

SEBI ने हाल ही में फ्यूचर्स और ऑप्शन के नियमों को कड़ा कर दिया है...ये फैसला छोटे निवेशकों को बड़ा नुकसान से बचाने के लिए लिया गया है...सेबी की स्टडी बताती है कि देश में 93 फीसदी निवेशकों को फ्यूचर्स एंड ऑप्शन ट्रेड में नुकसान हो रहा है।

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SEBI ने हाल ही में फ्यूचर्स और ऑप्शन के नियमों को कड़ा कर दिया है...ये फैसला छोटे निवेशकों को बड़ा नुकसान से बचाने के लिए लिया गया है...सेबी की स्टडी बताती है कि देश में 93 फीसदी निवेशकों को फ्यूचर्स एंड ऑप्शन ट्रेड में नुकसान हो रहा है। छोटे निवेशकों को गाढ़ी कमाई ना डूबे इसके लिए सेबी ने F&O ट्रेड के नियम सख्त किए है...F&O नियम कड़े होने का नुकसान डिस्काउंट ब्रोकर्स को उठाना पड़ सकता है। डिस्काउंट ब्रोकर्स निवेशकों को सस्ती दर पर ट्रेड ऑफर करते हैं, देश की काफी ब्रोकर्स हैं जो निवेशकों को सस्ती दर पर ट्रेड ऑफर करते हैंl              

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इसमें सबसे बड़ा नाम Zerodha का है, इसके अलाव Groww, Upstox, Angel One, Sharekhan, 5Paisa, TradeSmart, ICICI direct भी डिस्काउंट ब्रोकरेज सर्विसेज देती है। 

फ्यूचर एंड ऑप्शन के नियमों में सख्ती

फ्यूचर एंड ऑप्शन के नियमों में सख्ती 20 नवंबर से शुरू होगी...माना जा रहा है कि 20 नवंबर के बाद डिस्काउंट ब्रोकर्स के कारोबार पर निगेटिव असर दिख सकता है...क्योकि माना जा रहा F&O नियमों में सख्ती से बाज़ार के वॉल्यूम में बड़ी कमी आ सकती है...क्योकि आज के समय में बड़ी संख्या में रिटेल निवेशक डिस्काउंट ब्रोकिंग एप्स के जरिए ही F&O ट्रेड कर रहे हैं। 

F&O के नियम सख्त होने से डिस्काउंट ब्रोकर्स की आय में गिरावट आ सकती है। क्योकि F&O में ट्रेड कम होने लगेगे इससे कंपनी की कॉस्ट बढ़ेगी और मार्जिन पर भी असर आएगा l

दूसरा, डिस्काउंट ब्रोकर्स के क्लाइंट बेस में कमी आ सकती है। ट्रेड महंगा होने से काफी संख्या में छोटे निवेशक ज्यादा ट्रेड लेना अफॉर्ड नहीं कर पाएंगे।

तीसरा, मार्केट शेयर में कमी आ सकती है, डिस्काउंट ब्रोकर्स का मार्केट शेयर खिसकर पारंपरिक ब्रोकर्स की तरफ जा सकता है..क्योकि पारंपरिक ब्रोकर्स फीस जरुर महंगी लेते है लेकिन इसके एवज में क्लाइंट को रिसर्च और सलाह भी काफी अच्छी देते हैं।

F&O पर संख्ती

कुल मिलाकर F&O पर संख्ती Groww, Upstox, Angel One जैसे कंपनियों के लिए निगेटिव साबित हो सकती है। इस पर जिरोधा के फाउंडर Nithin Kamath ने भी ट्वीट किया है।

Nithin Kamath का मानना है कि f&o पर सेबी की सख्ती से ट्रेड्स में 60 फीसदी की कमी आ सकती है...वहीं जिरोधा के ऑडर्स में कुल 30 फीसदी की गिरावट आ सकती है। हालांकि ये नितिन कामथ ने अनुमान लगाया है, इसका असल असर 20 नवंबर के बाद देखने को मिलेगा।

सेबी ने फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेड्स के 6 नियमों में बदलाव 

F&O के न्यूनतम कॉन्ट्रैक्ट्स साइज़ को बढ़ा दिया हैl
हर हफ्ते हर एक्सचेंज की एक एक्यपायरी होगी
एक्सपायरी के दिन शॉर्ट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स पर 2% एक्स्ट्रा Extreme Loss Margin
एक्सपायरी पर कैलेंडर स्प्रेड का फायदा खत्म हो जाएगा
ऑप्शंस के खरीदार को अपफ्रंट प्रीमियम देना होगा
पोज़ीशन लिमिट की इंट्राडे मॉनिटरिंग की जाएगी

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F&O पर सख्ती के पीछे सेबी की मंशा रिटेल निवेशकों को इसमें ट्रेड करने से रोकना है लेकिन ये कदम डिस्काउंट ब्रोकर्स के लिए निगेटिव हो सकता है. खैर अभी ये अनुमान है इसकी सच्चाई के लिए 20 नवंबर तक का इंतजार करना होगा, जब से नए नियम लागू होंगे। 

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।