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ब्रिटेन में भारतीयों के लिए क्या हो गया मुश्किल?

भारत से ब्रिटेन पढ़ने आए छात्रों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा,कि दुनिया के विकसित और शक्तिशाली देशों की सूची में आने वाले इस बड़े देश में उन्हें खाने और रहने जैसी मूल-भूत सुविधाएं भी नसीब नहीं होंगी। लेकिन इस वक्त ब्रिटेन में ज्यादातर भारतीय छात्रों के सामने यही समस्या है।

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ब्रिटेन में भारतीयों के लिए क्या हो गया मुश्किल?
भारत से ब्रिटेन पढ़ने आए  छात्रों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा,कि दुनिया के विकसित और शक्तिशाली देशों की सूची में आने वाले इस बड़े देश में उन्हें खाने और रहने जैसी मूल-भूत सुविधाएं भी नसीब नहीं होंगी। लेकिन इस वक्त ब्रिटेन में ज्यादातर भारतीय छात्रों के सामने यही समस्या है। 

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 भारतीय छात्रों के सामने  खाने का संकट है।  
2018-19 में भारत से क़रीब 26 हज़ार 685 छात्र ब्रिटेन आए थे, जबकि 2021-22 में ये संख्या बढ़कर 84 हज़ार 555 हो गई।  यानी भारत से ब्रिटेन जाने वाले छात्रों की संख्या में 3 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है। इसकी एक बड़ी वजह है - सितंबर 2019 में ब्रिटेन की तरफ से की गई Post Study Work Visa की घोषणा।  इसे ग्रैजुएट रूट वीजा भी कहते हैं। इसका मतलब ये है कि ब्रिटेन में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी कोई भारतीय छात्र वहां अगले 2 साल तक रह सकता है. इस समय में वो कोई नौकरी ढूंढ़ सकता है, दूसरा Carreer तलाश सकता है या फिर Work Experience हासिल कर सकता है। इसके लिए उसे किसी Job Offer की जरूरत भी नहीं होती। 

लेकिन, ब्रिटेन की इस छूट का वहां पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को कोई फायदा नहीं हो रहा है, क्योंकि भारत से बड़ी संख्या में छात्र ब्रिटेन जा तो रहे हैं, लेकिन बढ़ती बेरोजगारी के कारण उनका अच्छी नौकरी का सपना पूरा नहीं हो रहा। सबसे ज्यादा परेशान वो छात्र हैं, जो एजुकेशन लोन लेकर ब्रिटेन में पढ़ाई करने आए हैं, क्योंकि ब्रिटेन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को अब यहां के स्थानीय छात्रों की तुलना में 3 गुना फीस चुकानी पड़ रही है, ऐसे में अब ये छात्र ना तो पढ़ाई बीच में छोड़कर वापस आ सकते हैं,और ना ही ये लोग ब्रिटेन में रह पा रहे हैं। भारत के बहुत-से छात्र ब्रिटेन समेत दुनिया के अलग-अलग देशों में पढ़ाई का सपना देखते हैं, लेकिन बदलते वैश्विक परिदृश्य में अब विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले छात्रों को बहुत अधिक सावधान रहने की ज़रूरत है।