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H3N2 से पॉजिटिव हुए तो आपको ये करना होगा?

जब भी कोई H3N2 वायरस की चपेट में आता है तो उसमें सर्दी, जुकाम जैसे आम वायरल की तरह ही लक्षण दिखाई देते हैं। बुखार, नाक बंद होने के साथ उल्टी और बदन दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इस वायरस की चपेट में आने से कई बार ऑक्सीजन लेवल कम होने की शिकायत मिलती है, मांसपेशियों में भी तेज दर्द होता है। इस तरह के लक्षण दिखने पर समय से H3N2 का टेस्ट करवाकर इलाज कराने से इस बीमारी से बचा किया जा सकता है।

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H3N2 से पॉजिटिव हुए तो आपको ये करना होगा?

देश में H3N2 वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग इसकी चपेट में आ तेजी से आ रहे हैं। जुकाम-खांसी के बाद डॉक्टर H3N2 वायरस का टेस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि H3N2 वायरस में मौसमी बीमारियों की तरह ही सर्दी-जुकाम और बुखार हो रहा है। इसलिए बिना टेस्ट किए ये समझना कठिन है कि ये H3N2 वायरस है या मौसमी बीमारी। जानें सर्दी-जुकाम होने के बाद कब H3N2 वायरस का टेस्ट कराना चाहिए।

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H3N2 क्या है?

जब भी कोई H3N2 वायरस की चपेट में आता है तो उसमें सर्दी, जुकाम जैसे आम वायरल की तरह ही लक्षण दिखाई देते हैं। बुखार, नाक बंद होने के साथ उल्टी और बदन दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इस वायरस की चपेट में आने से कई बार ऑक्सीजन लेवल कम होने की शिकायत मिलती है, मांसपेशियों में भी तेज दर्द होता है। इस तरह के लक्षण दिखने पर समय से H3N2 का टेस्ट करवाकर इलाज कराने से इस बीमारी से बचा किया जा सकता है।

जांच न कराने से नुकसान

डॉक्टरों के मुताबिक, अगर इस बीमारी की जांच नहीं करेंगे तो सही आंकड़े नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में वायरस से निपटने में काफी मुश्किल होगी। इसलिए जांच जरूरी होती है, जिससे सही समय पर वायरस का इलाज हो सके। यह वायरस किसी सामान्य फ्लू की तरह ही सर्दी-खांसी और बुखार के जरिए एक-दूसरे में पहुंचता है।

H3N2 का टेस्ट कैसे होता है?

H3N2 वायरस इंफेक्शन से ही फैलता है।टेस्ट से ही यह पता चल पाता है कि सर्दी-जुकाम के लक्षण H3N2 वायरस हैं या नहीं। इसलिए टेस्ट करवाना चाहिए, कोरोना की तरह ही इस वायरस का टेस्ट भी होता है। नाक और मुंह के माध्यम से सैंपल लिए जाते हैं, RT-PCR जैसा टेस्ट इसमें भी होता है। जिसकी रिपोर्ट कुछ घंटों में मिल जाती है। H3N2 वायरस की चपेट में आने से फिजिशियन एंटीवायरल दवाओं से इलाज करते हैं।

H3N2 पॉजिटिव आने के बाद क्या करें?

कोरोना की तरह प्रोटोकॉल फॉलो करें। आइसोलेशन में रहें।डॉक्टर की सलाह पर दवाईयां खाएं। ICMR की गाइडलाइन का पालन करें।