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Bangladesh में तख्तापलट के बाद क्यों बढ़ी करोड़ों भारतीय किसानों की टेंशन?

बांग्लादेश में फैली अशांति ने मामले को और भी बदतर बना दिया है। बांग्लादेश भारत का प्याज का सबसे बड़ा ट्रेडर पार्टनर है। भारत सरकार के अनुसार, 2021-22 में भारत ने 15.37 लाख मैट्रिक टन प्याज निर्यात की, जिसमें से 6.58 लाख मीट्रिक टन अकेले बांग्लादेश को निर्यात की गई।

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बांग्लादेश में राजनितिक संकट के बीच करोड़ो भारतीय किसान मुश्किल में पर चुके है
बांग्लादेश में राजनितिक संकट के बीच करोड़ो भारतीय किसान मुश्किल में पर चुके है

Bangladesh में जारी राजनीतिक संकट का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है। इतना ही नहीं शेयर बाज़ार से लेकर हर जगह बांग्लादेश में तख्तापलट का असर देखने को मिल रहा है। जब से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ा है तब से सेना सत्ता पर काबिज हो गई है। इससे पूरे बांग्लादेश में उथल-पुथल मची है और इसका असर वहां की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रहा है। इसके चलते भारतीय कंपनियों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। हालांकि शेख़ हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़ते ही कुछ दिनों बाद ही अंतरिम सरकार का गठन कर दिया गया है, इस नए अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी मोहम्मद युनुस को सौंप दी गयी है। पर अब बांग्लादेश में इस राजनितिक संकट के बीच करोड़ो भारतीय किसान मुश्किल में पर चुके है। भारत में प्याज उगाने वाले किसानों और व्यापारियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। पहले से ही कई प्रतिबंधों के चलते भारत के प्याज निर्यात बाजार के लिए हालात चुनौतीपूर्ण थे और अब बांग्लादेश संकट ने इन्हें और खराब कर दिया है। 

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बांग्लादेश को प्याज निर्यात करता है भारत

दरअसल, भारत अपने कुल प्याज उत्पादन का लगभग 35% बांग्लादेश को निर्यात करता है। हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन कि ओर से बताया गया है कि बांग्लादेश हमारे लिए एक आइडियल एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन है। सड़क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करती है कि हमारी खेप 1-4 दिनों के भीतर बांग्लादेश पहुंच जाए। इससे हमें अपने ट्रांसपोर्टेशन और ओवरऑल एक्सपोर्ट एक्सपेंसेस को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। 

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प्याज निर्यात को लेकर संघर्ष कर रहे हैं किसान और व्यापारी

भारत के प्याज उगाने वाले किसान और व्यापारी अगस्त 2023 से प्याज निर्यात को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। पिछले साल, प्याज की कीमतों में तेज उछाल की अटकलों के बीच भारत सरकार ने घरेलू सप्लाई और कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए प्याज पर 40% निर्यात शुल्क लगाया था। इसके बाद दिसंबर 2023 में भारत सरकार ने प्याज निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, मई 2024 में ही प्याज निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध हटाया गया। लेकिन सरकार ने 40% निर्यात शुल्क और 550 डॉलर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) प्रति टन लगाया। प्याज निर्यातकों का दावा है कि इन प्रतिबंधों ने प्याज निर्यात को बुरी तरह प्रभावित किया और कुल प्याज निर्यात में 50% की गिरावट आई है। अकेले 2023 में प्याज निर्यात प्रतिबंधों के कारण किसानों से लेकर व्यापारियों और निर्यात के लिए प्याज की छंटाई और पैकेजिंग में शामिल दिहाड़ी मजदूरों तक अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स को कुल मिलाकर 10,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 

बांग्लादेश संकट से कितना नुकसान 

बांग्लादेश में फैली अशांति ने मामले को और भी बदतर बना दिया है। बांग्लादेश भारत का प्याज का सबसे बड़ा ट्रेडर पार्टनर है। भारत सरकार के अनुसार, 2021-22 में भारत ने 15.37 लाख मैट्रिक टन प्याज निर्यात की, जिसमें से 6.58 लाख मीट्रिक टन अकेले बांग्लादेश को निर्यात की गई। इसके बाद 2022-23 में भारत ने 25.25 लाख मीट्रिक टन प्याज निर्यात की, जिसमें से 6.71 लाख मीट्रिक टन प्याज बांग्लादेश भेजी गई है। इसके अलावा 2023-24 में भारत ने 17.17 लाख मीट्रिक टन प्याज निर्यात की, जिसमें बांग्लादेश की हिस्सेदारी 7.24 लाख मीट्रिक टन थी।