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Sovereign Gold Bond में निवेश का मौका, 12 से 16 फरवरी तक कर सकेंगे निवेश

RBI ने इसमें निवेश के लिए कई तरह के विकल्प दिए हैं। बैंक की शाखाओं, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL) के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है।

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सरकार आपको एक बार फिर Sovereign Gold Bond में निवेश करने का मौका दे रही है
सरकार आपको एक बार फिर Sovereign Gold Bond में निवेश करने का मौका दे रही है

सरकार आपको एक बार फिर Sovereign Gold Bond में निवेश करने का मौका दे रही है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 के तहत 12 से 16 फरवरी तक सोने में निवेश का मौका मिलेगा। हालांकि, गोल्ड बॉन्ड किस रेट पर जारी किए जाएंगे, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। 

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क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड होता है। इसे डीमैट के रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। ये बॉन्ड 1 ग्राम सोने का होता है, यानी 1 ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। इसे RBI की तरफ से जारी किया जाता है। ऑनलाइन अप्लाय करने और डिजिटल पेमेंट करने पर प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलता है। 

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24 कैरेट यानी 99.9% शुद्ध सोने में निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में आप 24 कैरेट यानी 99.9% शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। SGBs में निवेश पर 2.50% का सालाना ब्याज मिलता है। पैसों की जरूरत पड़ने पर बॉन्ड के बदले लोन भी लिया जा सकता है। भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड यानी IBJA के पब्लिश्ड रेट के आधार पर बॉन्ड की कीमत तय होती है। इसमें सब्सक्रिप्शन पीरियड से पहले वाले हफ्ते के आखिरी तीन दिनों के रेट का एवरेज निकाला जाता है। 

शुद्धता और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं

SGBs में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक, गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट के रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है। 

अधिकतम 4 किलो सोने में कर सकते हैं निवेश

SGBs के जरिए कोई शख्स एक वित्त वर्ष में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम सोने में निवेश कर सकता है। जॉइंट होल्डिंग के मामले में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा पहले आवेदक पर ही लागू होगी। वहीं किसी ट्रस्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है। 

8 साल से पहले बॉन्ड बेचने पर देना होता है टैक्स

सॉवरेन का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल रहता है। मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता। वहीं अगर आप 5 साल बाद अपना पैसा निकालते हैं, तो इससे होने वाले लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में 20.80% टैक्स लगता है।

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ऑफलाइन भी कर सकते हैं निवेश

RBI ने इसमें निवेश के लिए कई तरह के विकल्प दिए हैं। बैंक की शाखाओं, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL) के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है। निवेशक को एक आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसके बाद आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे और आपके डीमैट खाते में ये बॉन्ड ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। निवेश करने के लिए पैन होना अनिवार्य है। यह बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से बेचे जाएंगे।