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Reliance: मुकेश अंबानी ने लिया बड़ा लोन, क्या है रिलायंस का प्लैन?

रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने विदेशी बैंक से 2 बिलियन डॉलर यानी 16,640 करोड़ का लोन लिया है। बताया जा रहा है कि ये लोन फिनलैंड की कंपनी नोकिया से 5जी नेटवर्क खरीदने के लिए लिया गया है। इसके बदले में स्वीडिश एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसी ईकेएन ने jio-एरिक्सन 5G डील के लिए 2.2 अरब डॉलर का कवर दिया हैG बता दें यह 2024 का सबसे बड़े ऑफशोर लोन में से एक माना जा रहा है।

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Reliance: मुकेश अंबानी ने लिया बड़ा लोन, क्या है रिलायंस का प्लैन?
Reliance: मुकेश अंबानी ने लिया बड़ा लोन, क्या है रिलायंस का प्लैन?

भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन और दुनिया के 9वें सबसे रईस मुकेश अंबानी ने अचानक बहुत बड़ा लोन लिया है। इतना ही नहीं मुकेश अंबानी ये लोन देश से नहीं बल्कि विदेश से लिया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल, आखिर रिलायंस ग्रुप को उधार लेने की जरूरत क्यों पड़ी? आइये जानते हैं। 

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दरअसल  मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने विदेशी बैंक से 2 बिलियन डॉलर यानी 16,640 करोड़ का लोन लिया है। बताया जा रहा है कि ये लोन फिनलैंड की कंपनी नोकिया से 5जी नेटवर्क खरीदने के लिए लिया गया है। इसके बदले में स्वीडिश एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसी ईकेएन ने jio-एरिक्सन 5G डील के लिए 2.2 अरब डॉलर का कवर दिया हैG बता दें यह 2024 का सबसे बड़े ऑफशोर लोन में से एक माना जा रहा है।

इस  लोन को HSBC बैंक ने दिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलांयस और HSBC के बीच कई महीनों से बात-चीत चल रही थी। जो अब जाकर सफल हुई है। हालांकि इस लोन के बारे में ऑफिशियल तौर पर कोई भी जानकारी नहीं दी गई है.

इससे पहले, हाल ही में रिलायंस ने फ्रांस के बड़े बैंक BNP परिबास से लगभग 2 बिलियन डॉलर का ऑफशोर लोन जुटाया था। जिसका यूज कंपनी ने स्वीडन के एरिक्सन से 5G गियर खरीदने के लिए करेगी। बीएनपी पारिबास 9 महीने के वक्त में 1.9-2 बिलियन डॉलर देगी।

मुकेश अंबानी की कोशिश है  कि दिसंबर तक पूरे देश की 5G डिमांड को पूरा किया जाए। कंपनी अभी भारत के 96% से ज्यादा शहरों में जियो 5G रोलआउट किया है। यही नहीं हाल ही में मुकेश अंबानी ने AGM में कहा था, 'अब जियो के 45 करोड़ से ज्यादा यूजर हो गए हैं।  एक जियो यूजर एक महीने में औसतन 25 GB डेटा यूज कर रहा है यानी हर महीने 1,100 करोड़ GB टोटल डेटा इस्तेमाल हो रहा है। जियो 5G को पिछले साल अक्टूबर में लॉन्च किया गया था.

HSBC से लिए गए लोन की ब्याज को लेकर भी एक रिपोर्ट आई है। जिसमें कहा गया है कि, रकम जुटाना यानी फंडरेजिंग की प्रक्रिया डिस्काउंट के जरिए से हो रही है और लोन पर कितना ब्याज लगेगा, ये नौ महीने की समयसीमा में तय किया जाएगा। अब ऐसे में देखना होगा कि जिस तरीके से मुकेश अंबानी जियो के एक्सपेंशन पर काम कर रहे हैं, कंपनी को इन कदमों से कितना फायदा होगा।