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आज से RBI की मीटिंग,क्या-क्या हो सकता है फैसला,पढ़िए पूरी खबर

FY24 के लिए महंगाई अनुमान को 5.4% पर बरकरार रखा था। FY24 में रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है। वहीं FY25 की पहली तिमाही के लिए भी रियल GDP अनुमान 6.6% पर बरकरार रखा है।

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RBI की MPC मीटिंग 6 दिसंबर से 8 दिसंबर, 2023 तक चलने वाली है
RBI की MPC मीटिंग 6 दिसंबर से 8 दिसंबर, 2023 तक चलने वाली है

Reserve Bank of India (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग 6 दिसंबर से 8 दिसंबर, 2023 तक चलने वाली है। RBI गवर्नर Shaktikanta Das मीटिंग के लिए चर्चा का नेतृत्व करेंगे और 8 दिसंबर की सुबह 10 बजे मीटिंग में लिए फैसलों की जानकारी देंगे। RBI इस मीटिंग में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला ले सकता है। RBI ने अक्टूबर में लगातार चौथी बार ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा था। आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5% की थी। तब से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। वहीं पिछले वित्त वर्ष में रेपो रेट 6 बार में 2.50% बढ़ाई गई थी। RBI की MPC में छह सदस्य होते हैं। इसमें बाहरी और RBI अधिकारी दोनों होते हैं। गवर्नर दास के साथ, RBI के अधिकारी राजीव रंजन, कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, और माइकल देबब्रत पात्रा, डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्यरत हैं। जबकि शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं। MPC की प्राथमिक जिम्मेदारी ब्याज दरें निर्धारित करना है।

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ब्याज दरों को इस आधार पर तय किया जाता है कि ग्रोथ के ऑब्जेक्टिव भी पूरे हो जाए और महंगाई भी कंट्रोल में रहे। RBI का महंगाई का लक्ष्य इसे 2-6% के बीच रखने का है। RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है। इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। RBI गवर्नर ने अक्टूबर में हुई मीटिंग में महंगाई अनुमान और GDP अनुमान भी जारी किया था। FY24 के लिए महंगाई अनुमान को 5.4% पर बरकरार रखा था। FY24 में रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है। वहीं FY25 की पहली तिमाही के लिए भी रियल GDP अनुमान 6.6% पर बरकरार रखा है।