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RBI ने सरकार को दिया बंपर डिविडेंड, चुनाव के बाद नई सरकार की होगी बल्ले-बल्ले

IRCA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, "2.11 ट्रिलियन रुपये की राशि वित्त वर्ष 2025 के लिए अंतरिम बजट में लाभांश और मुनाफे के तहत 1.5 ट्रिलियन रुपये के बजटीय आंकड़े से काफी अधिक है, जिसमें पीएसयू से लाभांश भी शामिल है। बजट से अधिक आरबीआई डिविडेंड वित्त वर्ष 2025 में भारत सरकार के संसाधन को बढ़ाने में मदद करेगी।

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RBI के केंद्रीय निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड देने का ऐलान किया है
RBI के केंद्रीय निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड देने का ऐलान किया है

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड देने का ऐलान किया है। RBI ने 22 मई को एक बयान में कहा कि ये डिविडेंड बिमल जालान समिति की सिफारिशों के अनुसार दिया जा रहा है। जो 26 अगस्त, 2019 को केंद्रीय बैंक द्वारा अपनाई गई थी।

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डिविडेंड

हर साल आरबीआई निवेश से होने वाली डिविडेंड इनकम को केंद्र सरकार को एक निश्चित राशि के रूप में हस्तांतरित करता है। पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक ने केंद्र को डिविडेंड के तौर पर 87,416 करोड़ रुपये दिए थे। लेकिन इस साल की राशि कुछ हद तक सबसे बड़ी है और वित्त वर्ष 23 की तुलना में 141% अधिक है। आप अंदाजा लगा सकते हैं आने वाली सरकार को इस डिविडेंड से कितनी मदद मिलेगी। इस राशि से सरकार को अपना वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही नई योजनाओं में खर्च करने में भी मदद मिलेगी।

कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री

कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज का कहना है कि इस तरह के ऐतिहासिक डिविडेंड से वित्त वर्ष 25 में राजकोषीय घाटे में 0.4% की कमी आएगी। आगामी बजट में घोषित किए जा रहे कम उधार की गुंजाइश अब बॉन्ड बाजारों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगी। 

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IRCA की चीफ इकोनॉमिस्ट

IRCA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, "2.11 ट्रिलियन रुपये की राशि वित्त वर्ष 2025 के लिए अंतरिम बजट में लाभांश और मुनाफे के तहत 1.5 ट्रिलियन रुपये के बजटीय आंकड़े से काफी अधिक है, जिसमें पीएसयू से लाभांश भी शामिल है। बजट से अधिक आरबीआई डिविडेंड वित्त वर्ष 2025 में भारत सरकार के संसाधन को बढ़ाने में मदद करेगी। इसके अलावा, आरबीआई बोर्ड ने आकस्मिक जोखिम बफर को पहले के 6% से बढ़ाकर 6.5% करने पर भी सहमति जताई है।

ये कदम आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल को दिखाता है।