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Paytm Share: आखिर कब-कब RBI ने Paytm को चेताया?

आरबीआई ने 11 मार्च, 2022 को एक नोटिफिकेशन में कहा ''बैंक को अपने आईटी सिस्टम का कॉम्प्रिहेंसिव सिस्टम ऑडिट करने के लिए एक आईटी ऑडिट फर्म नियुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है।

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31 जनवरी की शाम को भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई करते हुए 29 फरवरी के बाद कोई भी बैंकिंग एक्टिविटीज से रोक दिया
31 जनवरी की शाम को भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई करते हुए 29 फरवरी के बाद कोई भी बैंकिंग एक्टिविटीज से रोक दिया

31 जनवरी की शाम को Reserve Bank of India ने Paytm Payment Bank पर कार्रवाई करते हुए 29 फरवरी के बाद कोई भी बैंकिंग एक्टिविटीज से रोक दिया। जिसमें पेमेंट बैंक को डिपॉजिट एक्सेप्ट करने, क्रेडिट ट्रांजैक्शन, वॉलेट टॉप अप और कोई बिल भुगतान करने से रोक दिया गया। आरबीआई ने पेमेंट बैंक पर इन कड़े प्रतिबंधों से हटाने के लिए कोई विंडों भी ओपन नहीं छोड़ी है। प्रेस रिलीज में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को अपने सिस्टम को ठीक करने का मौका दिया जाएगा। हम आपको बता दें कि One97 Communications के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक में महत्वपूर्ण 49 फीसदी हिस्सेदारी है, शेष 51 फीसदी हिस्सेदारी पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा के पास है।

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पहला झटका कब लगा

आईबीआई के एक्शन की जुड़ें पेटीएम पेमेंट बैंक के शुरुआती दिनों में देखी जा सकती है, जिसने जनवरी 2017 में बैंकिंग लाइसेंस हासिल किया था। 2016 की नोटबंदी के बाद अपनी उम्मीद से भरी शुरुआत के बावजूद बैंक को ऑपरेशन के एक साल के भीतर अपनी पहली रेगुलेटरी स्ट्राइक का सामना करना पड़ा था। आरबीआई को जून 2018 में नए अकाउंट खोलने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। हालांकि बैंक द्वारा प्रस्तुत कंप्लायंस और प्रोवइड की गई अंडरटेकिंग के आधार पर यह प्रतिबंध दिसंबर 2018 तक हटा दिया गया था।

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दूसरा झटका

दूसरा झटका अक्टूबर 2021 में लगा जब आरबीआई ने खुलासा किया कि पीपीबीएल ने गलत जानकारी दी थी, जिसके कारण आरबीआई को ₹1 करोड़ का जुर्माना लगाना पड़ा। RBI ने 20 अक्टूबर 2021 को एक नोटिफिकेशन में कहा था फाइनल सर्टिफिकेट ऑफ ऑथराइजेशन (CoA) जारी करने के लिए पीपीबीएल के आवेदन की जांच करने पर यह पाया गया कि पीपीबीएल ने ऐसी जानकारी दी थी जो तथ्यात्मक स्थिति (Factual position) से अलग थी। आरबीआई ने निर्धारित किया कि ये आरोप प्रमाणित था और जुर्माना लगाने की आवश्यकता थी। 

तीसरा झटका

बाद की जांच में 2021 के बाद टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी और केवाईसी कंप्लायंस में खामियों का पता चला। सूत्रों ने कहा कि इन चिंताओं के कारण आरबीआई को मार्च 2022 में पेटीएम पेमेंट बैंक पर सुपरवाइजरी प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। आरबीआई ने 11 मार्च, 2022 को एक नोटिफिकेशन में कहा ''बैंक को अपने आईटी सिस्टम का कॉम्प्रिहेंसिव सिस्टम ऑडिट करने के लिए एक आईटी ऑडिट फर्म नियुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड द्वारा नए ग्राहकों को शामिल करना आईटी ऑडिटर्स की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद आरबीआई द्वारा दी जाने वाली अनुमति के अधीन होगा। 

चौथा झटका

2022 के बाद में सिस्टम ऑडिटर की रिपोर्ट उपलब्ध होने के बाद आरबीआई ने पाया आवश्यक करेक्टिव एक्शन लेने के लिए बैंक की ओर से कोई सीरियस एक्शन दिखाई नहीं दे रही थी। अक्टूबर 2023 तक आरबीआई ने केवाईसी नॉर्म्स का लगातार पालन नहीं करने के लिए ₹5.39 करोड़ का जुर्माना लगाया, जो पीपीबीएल के खिलाफ चौथी कार्रवाई का संकेत है। सूत्रों के अनुसार रेगुलेटर ने पाया कि केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं हैं, जिससे ग्राहकों, जमाकर्ताओं और वॉलेट होल्डर्स को सीरियस रिस्क का सामना करना पड़ा। 

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