
Monsoon की पिक्चर नहीं अच्छी, सरकार, बाज़ार और जनता सबको करनी होगी चिंता
पूरी दुनिया में अल-नीनो की चर्चा हो रही है। ब्राजील में सूखे की खबरों के बीच, अब संकट दुनिया के सबसे बड़े कृषि प्रधान देश भारत को लेकर भी जताया जा रहा है। स्काईमेट के मौसम अधिकारी जतिन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि उनके संगठन स्काईमेट का मॉनसून का अनुमान कुछ अच्छा नहीं लग रहा है। स्काईमेट के अगले चार हफ्तों के अनुमान पर जतिन सिंह ने कहा कि मध्य भारत खासतौर पर विदर्भ, मध्य प्रदेश में बारिश का अनुमान काफी कम है।

पूरी दुनिया में अल-नीनो की चर्चा हो रही है। ब्राजील में सूखे की खबरों के बीच, अब संकट दुनिया के सबसे बड़े कृषि प्रधान देश भारत को लेकर भी जताया जा रहा है। स्काईमेट के मौसम अधिकारी Jatin Singh ने ट्वीट कर कहा कि उनके संगठन स्काईमेट का मॉनसून का अनुमान कुछ अच्छा नहीं लग रहा है। स्काईमेट के अगले चार हफ्तों के अनुमान पर जतिन सिंह ने कहा कि मध्य भारत खासतौर पर विदर्भ, मध्य प्रदेश में बारिश का अनुमान काफी कम है। जतिन सिंह ने ट्वीटर पर स्काईमेट की एक पिक्चर पोस्ट करते हुए कहा, '' मैं 6 जुलाई तक का मौसम का पूर्वानुमान पोस्ट कर रहा हूं जो तस्वीर उभरकर सामने आ रही है वो अच्छी नहीं है।''
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जून-जुलाई के माह में आमतौर पर मराठवाड़ा, विदर्भ और मध्य प्रदेश बारिश होती है जिससे किसानों को फायदा मिलता है। लेकिन इस बार पहले से अनुमान जताया जा रहा था कि अल-नीनो की वजह से मॉनसून पर बड़ा असर पड़ सकता है।एल नीनो क्या है, प्रशांत महासगार में पेरू के पास सतह का गर्म होना अल नीनो कहलाता है, अल नीनो की वजह से समंदर के तापमान, वायुमंडल में बदलाव होता है. बदलाव की वजह से समंदर का तापमान 4-5 डिग्री तक बढ़ जाता है. अल नीनो की वजह से पूरी दुनिया के मौसम पर असर पड़ता है।
