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इसरो ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया आदित्य एल1 मिशन, पीएम मोदी ने कहा, मानवता का कल्याण

प्रक्षेपण के लगभग एक घंटे बाद अंतरिक्ष यान रॉकेट के चौथे चरण से अलग हो गया। यह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के सबसे लंबे मिशनों में से एक था। आदित्य एल1 अब एक ऐसी यात्रा पर निकल पड़ा है। पीएसएलवी रॉकेट के ऊपरी चरण से आदित्य एल1 उपग्रह के अलग होने के बाद इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सफल बताया है।

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ISRO ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया Aditya- L1 मिशन
ISRO ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया Aditya- L1 मिशन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को अपना पहला सौर  मिशन आदित्य-एल1 सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। ये अंतरिक्ष यान सौर गतिविधि, पृथ्वी, अन्य ग्रहों और मौसम पर इसके प्रभाव का अध्ययन करने वाला है। अंतरिक्ष यान भारतीय समयानुसार सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ।

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प्रक्षेपण के लगभग एक घंटे बाद अंतरिक्ष यान रॉकेट के चौथे चरण से अलग हो गया। यह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के सबसे लंबे मिशनों में से एक था। आदित्य एल1 अब एक ऐसी यात्रा पर निकल पड़ा है। पीएसएलवी रॉकेट के ऊपरी चरण से आदित्य एल1 उपग्रह के अलग होने के बाद इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सफल बताया है।

L1 बिंदु मिशन के लिए एक उपयुक्त सुविधाजनक बिंदु है क्योंकि इस बिंदु के आसपास अंतरिक्ष यान बहुत अधिक ईंधन का उपयोग किए बिना उसी स्थिति में रह सकता है। पृथ्वी-सूर्य प्रणाली में ऐसे पाँच बिंदु हैं, जिन्हें L1 से L5 तक लेबल किया गया है। L1 बिंदु पृथ्वी और सूर्य के बीच, पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर, सूर्य की दिशा में स्थित है। यही कारण है कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को दूसरे लैग्रेंज पॉइंट (L2) पर रखा। आदित्य-एल1 सात पेलोड से भरा हुआ है और यह पृथ्वी पर डेटा भेजेगा। विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) सबसे महत्वपूर्ण पेलोड है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई देते हुए कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, चंद्रयान -3 की सफलता के बाद, भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।