Raghuram Rajan को कितनी मिलती थी सैलरी, खुद पूर्व गवर्नर ने किया खुलासा
रघुराम राजन से जब पूछा गया कि क्या सालाना चार लाख रुपये की सैलरी आरबीआई गवर्नर के लिए सही है? तो राजन ने कहा कि ये दूसरे सरकारी अधिकारियों के मुताबिक है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह कैबिनेट सेक्रेटरी के बराबर है। सरकारी अधिकारियों को इतनी ही सैलरी मिलती है। आपको सरकारी अधिकारियों की तरह दूसरी सुविधाएं नहीं मिलती हैं।

जो शख्स देश के हर एक नोट पर साइन या हस्ताक्षर करता है। कभी आपने जानने की कोशिश की उसको सैलरी और पेंशन कितनी मिलती है? हम यहां बात कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक यानि RBI के गवर्नर की। हर नोट पर हस्ताक्षर करने वाले RBI गवर्नर को कितनी सैलरी मिलती है। उनकी पेंशन कितनी होती है? आज हम आपको ये बताएंगे। दरअसल इसका खुलासा रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर Raghuram Rajan ने किया है। उन्होंने कहा कि जब वो RBI के गवर्नर थे तो उन्हें सालाना महज 4 लाख रुपये की सैलरी मिला करती थी। जी हां, अगर आपने सही से नहीं सुना तो एक बार मैं आपको दोबारा बता देता हूं। राजन सितंबर 2013 से सितंबर 2016 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे थे। उनका साफ तौर पर कहना है कि उनकी सैलरी सालाना 4 लाख रुपए थी। लेकिन यहां उन्होंने कुछ बड़ी बातें भी बताई। उनका कहना है कि RBI गवर्नर के तौर पर आपको भले ही कम सैलरी मिलती है लेकिन मुंबई में एक बड़ा आधिकारिक घर मिलता है जो मुंबई में धीरूभाई अंबानी के मकान से कुछ दूरी पर है। RBI का हेडक्वार्टर भी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में है। दरअसल Youtuber राज शमानी के पॉडकास्ट ‘Figuring Out’ में उन्होंने कहा कि मुझे RBI गवर्नर की करेंट सैलरी का तो पता नहीं है लेकिन मुझे सालाना चार लाख रुपये सैलरी मिलती थी। आरबीआई गवर्नर के तौर पर आपको जो सबसे बड़ी सुविधा मिलती है वो है आधिकारिक आवास यानि घर है। आपको एक बड़ा घर मिलता है जो मुंबई के मालाबार हिल में धीरूभाई अंबानी के घर से कुछ ही दूर है। एक बार मैंने इस बारे में कैलकुलेशन की थी। अगर हम उसे बेच देते तो हमें 450 करोड़ रुपये मिलते। अगर हम इस रकम को निवेश कर दें तो हम आरबीआई के टॉप अधिकारियों की सैलरी दे सकते हैं। हम एक अपार्टमेंट में जा सकते हैं। लेकिन यह शानदार घर है।'
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इतना ही रघुराम राजन से जब पूछा गया कि क्या सालाना चार लाख रुपये की सैलरी आरबीआई गवर्नर के लिए सही है? तो राजन ने कहा कि ये दूसरे सरकारी अधिकारियों के मुताबिक है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह कैबिनेट सेक्रेटरी के बराबर है। सरकारी अधिकारियों को इतनी ही सैलरी मिलती है। आपको सरकारी अधिकारियों की तरह दूसरी सुविधाएं नहीं मिलती हैं। आपको पेंशन नहीं मिलती है। लेकिन आपको मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं। पेंशन नहीं मिलती है।' राजन ने कहा कि अधिकांश आरबीआई गवर्नर को पेंशन नहीं मिलती है क्योंक वे सिविल सर्वेंट रहे हैं। इसलिए उन्हें पहले से ही पेंशन मिलती है। लेकिन एक व्यक्ति ऐसा था जो सिविल सर्वेंट नहीं था। उन्होंने कई साल तक आरबीआई में काम किया। मुझे लगता है कि उसे पेंशन मिलनी चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें पेंशन की जरूरत नहीं है। आरबीआई गवर्नर का पद छोड़ने के बाद रघुराम राजन ने अमेरिका में फिर से पढ़ाने का काम शुरू किया था। उन्होंने कहा, 'मुझे पेंशन की जरूरत नहीं है। मेरे पास फुलटाइम जॉब है।'
