
अचानक प्याज की कीमत बढ़ने से आम आदमी के निकलने लगे आँसू
केंद्र सरकार ने अगस्त में प्याज के एक्सपोर्ट पर 40% ड्यूटी लगाई थी, ताकि प्याज की आवक में देरी होने पर भी कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके। अगस्त के पहले प्याज के एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार का यह आदेश 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा।

नवरात्रि के बाद से देशभर में प्याज के दाम अचानक बढ़ने लगे हैं। राजधानी Delhi में बीते एक हफ्ते में प्याज की कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। यहां अलग-अलग बाजारों में प्याज की खुदरा कीमतें ₹75/किलो तक पहुंच गई हैं। वहीं APMC मार्केट में प्याज की थोक कीमतें पिछले 15 दिन में करीब 58% से 60% तक बढ़ गई है। सरकार का अनुमान है कि कीमतों मे बढ़ोतरी नवंबर तक जारी रह सकती है। ट्रेडर ने बतया की 28 अक्टूबर को दिल्ली में प्याज का दाम 70 रुपए किलो है। कल यह 60 रुपए था, एक हफ्ते पहले कीमतें 32, 37 और 40 रुपए प्रति किलो तक थीं। वहीं एक रिटेल वेंडर ने बताया कि प्याज की कीमतें 100 रुपए किलो तक भी जा सकती हैं। बीते 15 दिनों में प्याज की आवक में 40% तक की गिरावट देखी गई है। सामान्य दिनों रोजाना लगभग 400 गाड़ी प्याज की आवक होती है। यह आंकड़ा पिछले 15 दिनों में 150 कम होकर 250 रह गया है। एक गाड़ी में करीब 10 टन प्याज लोड होता है। इस हिसाब से रोजाना करीब 1500 टन कम प्याज मार्केट में आ रही है।
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देश में सबसे ज्यादा प्याज उत्पादन करने वाले राज्यों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में सामान्य से कम बारिश के चलते उत्पादन कम हुआ है। साथ ही बेमौसम बरसात के कारण बुआई में भी देरी हुई है। इससे सप्लाई भी देरी से होगी। जानकारों का मानना है कि पिछले दो सालों में दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में खरीफ प्याज की बुआई कम हुई है। क्योंकि, पिछले दो साल में किसानों को नुकसान हुआ है। बढ़ती कीमतों पर कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री ने कहा कि राज्यों के थोक और खुदरा दोनों बाजारों में प्याज का एक्स्ट्रा स्टॉक भेजा जा रहा है। सरकार ने बताया की अगस्त के बीच में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, उत्तराखंड, बिहार सहित करीब 16 राज्यों में 1.74 लाख टन प्याज का स्टॉक भेजा गया था। वहीं मिनिस्ट्री से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकार ने 5.07 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा प्याज खरीदा है और आने वाले दिनों में 3 लाख मीट्रिक टन और खरीदने वाली है। इसके बाद प्याज की कीमतों को कंट्रोल में किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने अगस्त में प्याज के एक्सपोर्ट पर 40% ड्यूटी लगाई थी, ताकि प्याज की आवक में देरी होने पर भी कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके। अगस्त के पहले प्याज के एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार का यह आदेश 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा।
