Vivo पर एक्शन के बाद चीन ने कह दी बड़ी बात
आर्थिक मामलों की जांच एजेंसी ने पाया कि वीवो मोबाइल्स इंडिया ने टैक्स बचाने के लिए सेल्स से हुई अपनी इनकम का आधा हिस्सा (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए) चीन में ट्रांसफर किया। इसमें अवैध रूप से 62,476 करोड़ रुपए चीन भेजे गए थे।

भारत में मनी लॉन्ड्रिंग केस का सामना कर रही चाइनीज मोबाइल कंपनी Vivo के मामले में चीन ने भारत से भेदभाव नहीं करने का आग्रह किया है। चीन ने वीवो के दो अफसरों को कॉन्सुलर प्रोटेक्शन और कानूनी मदद देने का भी फैसला किया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- इस मामले पर हम करीबी नजर रख रहे हैं। चीन सरकार अपनी कंपनियों के सभी कानूनी हितों की हिफाजत करेगी। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने वीवो इंडिया के अंतरिम CEO होंग ज़ुक्वान, वीवो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को गिरफ्तार किया था। तीनों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अरेस्ट किया गया था।
Also Read: Paytm ने 1,000 से अधिक एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाला
इससे पहले अक्टूबर में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में चीनी नागरिक गुआंगवेन क्यांग उर्फ एंड्रयू कुआंग, लावा इंटरनेशनल के MD हरिओम राय के अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट राजन मलिक और नितिन गर्ग को गिरफ्तार किया था। यानी कुल 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। करीब एक साल पहले एजेंसी ने देशभर में वीवो मोबाइल्स और उसकी 23 एसोसिएट कंपनीज की 48 लोकेशंस पर तलाशी ली थी। ED के आरोपों के मुताबिक, चीन को अवैध रूप से फंड ट्रांसफर करने के मकसद से भारत में 19 कंपनियां बनाई गईं। इसके अलावा आर्थिक मामलों की जांच एजेंसी ने पाया कि वीवो मोबाइल्स इंडिया ने टैक्स बचाने के लिए सेल्स से हुई अपनी इनकम का आधा हिस्सा (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए) चीन में ट्रांसफर किया। इसमें अवैध रूप से 62,476 करोड़ रुपए चीन भेजे गए थे।