अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम बढ़े नहीं है, स्वास्थ्य मंत्री ने दी सफाई
अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम 12% बढ़ गए हैं, अगर आप भी अब तक यही माने बैठे हैं, क्योंकि न्यूज रिपोर्ट्स में यही बताया गया है कि 1 अप्रैल से WPI को बढ़ाकर 12.12% कर दिया गया है.

अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम बढ़े नहीं है, स्वास्थ्य मंत्री ने दी सफाई
अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम 12% बढ़ गए हैं, अगर आप भी अब तक यही माने बैठे हैं, क्योंकि न्यूज रिपोर्ट्स में यही बताया गया है कि 1 अप्रैल से WPI को बढ़ाकर 12.12% कर दिया गया है। लेकिन इस पर अब सफाई आ गई है।
नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने कहा कि 651 आवश्यक दवाओं की कीमत अप्रैल से औसतन 6.73% कम हो गई है, क्योंकि सरकार ने ज्यादातर अनुसूचित दवाओं कीमतों की अधिकतम कीमतों की कैपिंग कर दी है। सितंबर 2022 में स्वास्थ्य मंत्रालय के संशोधन के बाद NLEM में वर्तमान में कुल 870 अनुसूचित दवाएं हैं।
NPPA ने देखा कि प्राइस कैपिंग की वजह से पहले ही 651 जरूरी दवाओं की कीमतों में 16.62% की कमी आ चुकी है। इसलिए होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) पर आधारित दवाओं की कीमतों में 12.12% सालाना बढ़ोतरी के बावजूद कीमतों में इस गिरावट से कंज्यूमर को फायदा होगा।
NPPA औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश (DPCO), 2013 के मुताबिक अनुसूची I के तहत आवश्यक दवाओं के लिए अधिकतम मूल्य तय करता है। जरूरी दवाओं की गणना एक खास चिकिस्तीय खंड में 1% से ज्यादा की बिक्री वाली सभी दवाओं के सामान्य औसत पर आधारित है।
दरअसल इस सफाई की वजह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक ट्वीट जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने दवाईयों के दाम बढ़ा दिए हैं इस खबर के बाद खुद केंद्रीय मंत्री ने सफाई दी और कहा कि ऐसा नहीं है।