Tesla का America में बड़ा फैसला,20 लाख गाड़ियां वापस बुलाईं ! पढ़िए पूरी खबर
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ला भारत में नए प्लांट के लिए शुरुआत में लगभग 2 बिलियन डॉलर, यानी करीब 16,000 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रही है। उनकी भारत से 15 बिलियन डॉलर, यानी करीब 1.2 लाख करोड़ तक के ऑटो पार्ट्स खरीदने की भी योजना है। कंपनी लागत कम करने के लिए भारत में कुछ बैटरियां बनाने पर विचार कर रही है।

Elon Musk की कंपनी Tesla Inc ने तकनीकी खराबी आने के कारण अपनी 20 लाख गाड़ियों को वापस बुलाया है। एलन मस्क की कंपनी के इस रिकॉल में 2015 के बाद से अमेरिका में बेचे गए वे मॉडल्स शामिल हैं, जिनमें ऑटोपायलट फीचर एक्टिव है। यूएस ऑटो रेगुलेटर की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक, इन इलेक्ट्रिक गाड़ियों को ऑटोपायलट सिस्टम की खराबी को ठीक करने के लिए वापस बुलाया गया है। यह सिस्टम सेल्फ-ड्राइव मोड एक्टिव होने पर ड्राइवर को रोड और ट्राफिक की स्थिति को लेकर अटैंटिव करने का काम करता है। ऑटोपायलट टेक्नीक गाड़ी के आसपास के ट्रांसपोर्टेशन का आंकलन करने के लिए कैमरे और सेंसर का उपयोग करती है। यह व्हीकल को सुरक्षित लेन में रखने के लिए सड़कों पर लेन मार्क्स की भी निगरानी करता है। हालांकि, आलोचक शुरू से ही टेस्ला के ऑटोपायलट सिस्टम में कई कमियां बता रहे हैं। टेस्ला का ऑटोपायलट सिस्टम विवादो में रहा है और इसके कारण कई हादसे हो चुके हैं। यह रिकॉल भी अमेरिका के राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (NHTSA) की ओर से ऐसी दुर्घटनाओं की जांच शुरू करने के करीब 2 साल बाद जारी किया गया है। NHTSA ने जांच के दौरान पाया कि सेल्फ-ड्राइव मोड एक्टिव होने पर ड्राइवर को चौकस रखने के लिए ऑटोपायलट सिस्टम द्वारा यूज किए जाने वाले फंक्शन प्रोपर काम नहीं कर रहे हैं। इससे हादसा होने की संभावना है। कंपनी रिकॉल किए गए इलेक्ट्रिक गाड़ियों में एडिशनल कंट्रोल अलर्ट जोड़ेगी। इसके साथ ही ओवर द एयर (OTA) सॉफ्टवेयर अपडेट भी करेगी, ताकि गाड़ी चलाते समय ड्राइवर को अधिक चौकस रहने की सुविधा मिल सके। इसके लिए कंपनी कस्टमर्स से किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं लेगी।
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कंपनी ने इस साल तीसरी बार अपनी कारों को रिकॉल किया है। इससे पहले अक्टूबर-2023 में टेस्ला मॉडल एक्स के 54,676 यूनिट्स को रिकॉल किया था। तब 2021 से 2023 के बीच मैन्युफैक्चर की गई मॉडल एक्स में ब्रेक फ्लूइड कम होने पर भी डिस्प्ले पर वार्निंग सिग्नल नहीं आ रहा था और व्हीकल कंट्रोलर इसकी वजह पता नहीं लगा पा रहा था। टेस्ला ने इस दिक्कत को ठीक करने के लिए ओवर द एयर सॉफ्टवेयर अपडेट किया था, जोकि फ्री ऑफ चार्ज था। इसके पहले अगस्त में कंपनी ने स्टीयरिंग कंट्रोल और पावर स्टीयरिंग के कंट्रोल लॉस होने के चलते टेस्ला की नई मॉडल 3 और मॉडल Y के 2,80,000 यूनिट्स को रिकॉल किया था। टेस्ला इंक की अगले साल भारत में एंट्री होने वाली है। भारत के साथ टेस्ला की डील अंतिम चरण में है। ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी थी। बीते दिनों एलन मस्क ने भी कहा था कि वो अगले साल भारत आने का प्लान कर रहे हैं। अमेरिका की इस EV कंपनी को भारत अगले साल से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को आयात करने और दो साल की अवधि के भीतर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने की अनुमति देगा। जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में इसकी आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है। गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में टेस्ला अपना इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ला भारत में नए प्लांट के लिए शुरुआत में लगभग 2 बिलियन डॉलर, यानी करीब 16,000 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रही है। उनकी भारत से 15 बिलियन डॉलर, यानी करीब 1.2 लाख करोड़ तक के ऑटो पार्ट्स खरीदने की भी योजना है। कंपनी लागत कम करने के लिए भारत में कुछ बैटरियां बनाने पर विचार कर रही है।