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Insurance Premium: कम ड्राइव करने पर कम हो सकता है इन्श्योरेंस प्रीमियम, जानिए कैसे?

कार इंश्योरेंस होना बहुत ही फायदेमंद है मगर ये इन्श्योरेंस भी कई तरह के आते हैं। कौनसा इंश्योरेंस लेना चाहिए ये जल्दी ना तो कोई बताता है और ना ही कोई पूछता है। तो आज जानते हैं एक ऐसे है कार इंश्योरेंस के बारे में जिसका नाम है 'Pay As You Drive’ और ये बहुत फ़ायदेमंद है।

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कम ड्राइव करने पर कम हो सकता है इन्श्योरेंस प्रीमियम, जानिए कैसे?
कम ड्राइव करने पर कम हो सकता है इन्श्योरेंस प्रीमियम, जानिए कैसे?

कार इंश्योरेंस होना बहुत ही फायदेमंद है मगर ये इन्श्योरेंस भी कई तरह के आते हैं। कौनसा इंश्योरेंस लेना चाहिए ये जल्दी ना तो कोई बताता है और ना ही कोई पूछता है। तो आज जानते हैं एक ऐसे है कार इंश्योरेंस के बारे में जिसका नाम है 'Pay As You Drive’ और ये बहुत फ़ायदेमंद है।  'Pay As You Drive’ (पे ऐज़ यू ड्राइव) में प्रीमियम को एक तय सालाना आय पर निर्भर होकर कैलकुलेट नहीं किया जाता है  बल्कि कार से कवर की गई दूरी के हिसाब से कैलकुलेट की जाती है। सरल भाषा में इस प्रेमीयम का मतलब है कि अगर गाड़ी कम चलाई जाए तो कम प्रीमियम देना होगा और ज़्यादा गाड़ी चलाई जाए तो ज़्यादा प्रीमियम देना होगा। PAYD इंश्योरेंस से कार चालक को एक ऐसा इंश्योरेंस का ऑप्शन मिलता है जो आसान और सरल है साथ ही ये सुरक्षित ड्राइविंग को भी बढ़ावा देता है।

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अब इस प्रीमियम में कैसे किया जाता है किलोमीटर का डिक्लेरेशन?

इस पालिसी पीरियड में गाड़ी कितने किलोमीटर तक चलाई जा सकती है उस आधार पर मौजूदा स्लैब को चुनना होता है।
टेलीमैटिक्स टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। यह डिवाइस ड्राइविंग के हर पहलू का डेटा जैसे स्पीड, डिस्टेंस, दिन का समय और ड्राइविंग पैटर्न को इकट्ठा करता है। इस डेटा की मादा से इंश्योरेंस कंपनी की रिस्क को अच्छी तरह से आंका जा सकता है।

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कैसे करें ट्रैक?

आपकी गाड़ी का जो माइलेज होता है उसे टेलीमैटिक्स डिवाइस या स्मार्टफोन में ऐप के जरिए ट्रैक किया जा सकता है। 
पॉलिसी पीरियड ख़त्म होने पर एक्चुअल माइलेज को घोषित माइलेज से compare किया जाता है। यदि गाड़ी कम चली है तो रिफ़ंड मिल जाता है और गाड़ी ज़्यादा चली है तो एक्स्ट्रा प्रीमियम देना पड़ता है।

क्या हैं PAYD इंश्योरेंस के फायदे :

* कम ड्राइव करने पर कम इंश्योरेंस देना पड़ता है क्योंकि सिर्फ़ उस कवरेज के ही पैसे देने होते हैं जो इस्तेमाल किया गया हो।

* PAYD कम ड्राइविंग को बढ़ावा दे सकता है जिससे  प्रदूषण भी कम होगा और पर्यावरण भी स्वच्छ रह सकता है।

* कुछ PAYD पॉलिसी ऐसी होती हैं जो फ्लेक्सिबल कवरेज ऑप्शंस देती हैं जो पॉलिसीधारकों को ड्राइविंग आदतों और जरूरतों के आधार पर कवरेज के अलग-अलग लेवल्स को चुनने की सुविधा भी देती है।

* ऐसी इंश्योरेंस कंपनियां भी हैं जो सावधानी से गाड़ी चलाये जाने पर डिस्काउंट भी देती हैं और इसको टेलीमेटिक्स की मदद से ट्रैक किया जा सकता है।

क्या हैं PAYD इंश्योरेंस के नुकसान :

* गाड़ी की लोकेशन और ड्राइविंग आदतों पर लगातार नजर रखने से Privacy से जुड़ी समस्याएँ आ सकती हैं।

* हो सकता है कि टेक्नोलॉजी की मदद से दूरी तय करने पर और निश्चित दूरी में फ़र्क़ आ जाये।

* क्लेम के वक़्त तय की गई दूरी और अन्य टेलीमेटिक्स डेटा को वेरिफाई करते समय समस्याएं आ सकती हैं।

* ज़्यादा गाड़ी चलाने पर ट्रेडिशनल इंश्योरेंस पॉलिसी की तुलना में ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है।

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