
Saudi Arab और Russia की दोस्ती ने बढ़ाई India की टेंशन !
भारत-रूस की दोस्ती से सऊदी अरब की बादशाहत खतरे में आ गई थी। लेकिन रूस के जबरदस्त डिस्काउंट के चलते भारत ने रूस की ओर रूख किया। जिसका असर ये हुआ कि सऊदी और रूस के बीच तनाव बढ़ गया। रूस और सऊदी अरब ने प्रोडक्शन कट करने का एलान ऐसे समय में किया है, जब ग्लोबल रिसेशन की टेंशन बढ़ी हुई हैं और अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से आने वाले दिनों में ब्याज दरों में इजाफा किया जा सकता है।

India-Russia की दोस्ती से Saudi Arab की बादशाहत खतरे में आ गई थी। भारत लंबे वक्त से सऊदी अरब से सस्ता तेल खरीदता आया था। लेकिन रूस के जबरदस्त डिस्काउंट के चलते भारत ने रूस की ओर रूख किया। जिसका असर ये हुआ कि सऊदी और रूस के बीच तनाव बढ़ गया। लेकिन अब इन दोनों देशों के हाथ मिला लिया है और अब ये ऐसा कदम उठाने जा रहे हैं जिसका सीधा असर भारत पर होना तय है। दरअसल रूस और सऊदी अरब ने कच्चे तेल के प्रोडक्शन कट का ऐलान कर दिया है। एक अगस्त से दोनों मिलकर 5 लाख बैरल कच्चे तेल का प्रोडक्शन कम करेंगे। इसका असर इंटरनेशनल मार्केट में दिखना शुरू हो गया है। ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 76 डॉलर पर आ गया है। साथ ही WTI के दाम भी 70 डॉलर के आसपास कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स की राय है कि आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती है।
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रूस और सऊदी अरब ने प्रोडक्शन कट करने का एलान ऐसे समय में किया है, जब ग्लोबल रिसेशन की टेंशन बढ़ी हुई हैं और अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से आने वाले दिनों में ब्याज दरों में इजाफा किया जा सकता है। साऊदी अरब ने साफ कर दिया है कि अगस्त के महीने से वो रोज एक मिलियन प्रति बैरल का प्रोडक्शन करने जा रहा है। सऊदी अरब के ऐलान के तुरंत बाद रूसी उप प्रधानमंत्री ने कहा कि मॉस्को अगस्त में अपने ऑयल एक्सपोर्ट में प्रति दिन 5 लाख बैरल की कटौती करेगा। सोचिए एक वक्त ऐसा आ गया था कि सऊदी अरब के अधिकारियों ने सार्वजनिक मंच पर रूस के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी और अब दोनों एक साथ आ गए हैं। ऐसे में ये भी समझ लीजिए कि इस फैसले से भारत पर क्या असर होगा?

इतना तय है कि रूस के प्रोडक्शन कट की वजह से भारत में आने वाले रूसी तेल की शिपमेंट में आने वाले दिनों में कम देखने को मिल सकते हैं और साथ ही भारत को महंगा तेल खरीदने को भी मिल सकता है। दुनिया के दो सबसे बडे सप्लायर्स की ओर से ऐलान करने के बाद क्रूड ऑयल के दाम में तेजी देखने को मिल रही है। रूस से भारत में जून के महीने में रोज 2 मिलियन बैरल से ज्यादा की शिपमेंट देखने को मिल रहा खा। लेकिन इस फैसले से बाद अगस्त महीने में 1.5 मिलियन बैरल प्रति दिन की शिपमेंट देखने को मिल सकता है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में भारत और रूस की दोस्ती काम आती है या फिर सऊदी अरब और रूस का नया समझौता?
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