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Paris Olympic 2024: नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीता, अरशद नदीम ने तोड़ा ओलंपिक रिकॉर्ड

पेरिस ओलंपिक 2024: नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में 89.45 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत पदक जीता। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गुरुवार, 8 अगस्त को पेरिस में खेलों में 92.97 मीटर के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।

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नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीता

भारत के नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में पुरुष भाला फेंक प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर अपने करियर में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। हालांकि, वह व्यक्तिगत खेलों में दो ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनने से चूक गए। टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज ने इस बार 89.45 मीटर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो की, जबकि पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर की थ्रो के साथ नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता।

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नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था, जिससे वह ट्रैक और फील्ड इवेंट में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने अपने करियर में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जैसे कि विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर की थ्रो के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाना।

पेरिस ओलंपिक में, नीरज ने क्वालीफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर की थ्रो के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया था। हालांकि, फाइनल में उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ा, जहां उन्होंने पांच बार फाउल किया और केवल एक वैध प्रयास किया। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास 89.45 मीटर था, जो उनके ओलंपिक खेलों में सर्वश्रेष्ठ थ्रो था।

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पेरिस ओलंपिक का फाइनल

पेरिस ओलंपिक का फाइनल एक रोमांचक मुकाबला था। नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम ने भारत-पाकिस्तान के बीच पहली बार ओलंपिक मंच पर 1-2 की स्थिति बनाई। यह स्थिति पिछले वर्ष के विश्व चैंपियनशिप में उलट गई थी, जहां नीरज ने स्वर्ण और अरशद ने रजत पदक जीता था।

अरशद नदीम ने 92.97 मीटर की थ्रो के साथ न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि ओलंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ा। यह थ्रो 2008 के बीजिंग ओलंपिक में एंड्रियास थॉर्किल्डसेन द्वारा बनाए गए 90.57 मीटर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ गया।

नीरज चोपड़ा की चुनौतियाँ

फाइनल में नीरज चोपड़ा पर दबाव था, खासकर जब अरशद ने अपनी पहली थ्रो में ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया। नीरज ने अपने पहले प्रयास में फाउल किया और इसके बाद उन्होंने लगातार चार प्रयासों में भी फाउल किया। अंततः, उन्होंने केवल एक वैध प्रयास किया, जो उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।

ऐतिहासिक क्षण

इस प्रतियोगिता ने न केवल नीरज चोपड़ा की यात्रा को प्रभावित किया, बल्कि यह भारतीय खेलों के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण था। नीरज ने व्यक्तिगत खेलों में दो ओलंपिक पदक जीतने वाले चौथे भारतीय बनकर अपनी उपलब्धियों को और बढ़ाया। पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा की रजत पदक जीतने की कोशिश ने उन्हें एक नई पहचान दी है। उन्होंने अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि वह विश्व स्तर पर एक प्रतिस्पर्धी एथलीट हैं।

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नीरज चोपड़ा का पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो उनके करियर में एक नया अध्याय जोड़ता है। उनकी यात्रा ने न केवल उन्हें एक उत्कृष्ट एथलीट के रूप में स्थापित किया है, बल्कि भारतीय खेलों को भी एक नई दिशा दी है।