Maldives Controversy: क्या इस्लामिक स्टेट का गढ़ बन चुका है Maldives ?
असल में इस द्वीप देश में लंबे समय से अरब व्यापारियों का आना-जाना था। शुरुआत में बात व्यापार तक रही, लेकिन धीरे-धीरे वे अपने धर्म का प्रचार करने लगे. राजा के धर्म परिवर्तन के बाद लगभग सारी आबादी ने मुस्लिम धर्म अपना लिया और देश का इस्लामीकरण हो गया।

PM Modi के Lakshadweep दौरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीप सरकार के तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद भी भारतीयों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच डैमेज कंट्रोल की कोशिश करते हुए वहां की सरकार लगातार दोनों देशों की दोस्ती का हवाला दे रही है। ये सब इसलिए भी हो रहा है क्योंकि मालदीव की इकनॉमी काफी हद तक इंडियन टूरिस्ट्स पर निर्भर है। हर साल वहां लाखों भारतीय छुट्टियां मनाने जाते हैं।
किस हद तक है कट्टरपंथ
अब लक्षद्वीप इसे रिप्लेस कर सकता है। वैसे सुन्नी-बहुत मालदीव के बारे में अमेरिका तक कह चुका कि ये हद से ज्यादा चरमपंथी देश है, जिसके लोगों का आतंकवादियों से लिए नरम रूख रहा। काफी हद तक ये सही भी है। एक समय पर बौद्ध आबादी वाला ये देश तेजी से मुस्लिम आबादी में बदला। अब हालत ये है कि यहां नॉन-मुस्लिमों को नागरिकता तक नहीं मिलती। इतिहासकार मानते हैं कि मालदीव के शासक भारत के चोल साम्राज्य से थे। लेकिन तब कैसे ये देश पूरी तरह से इस्लामिक हो गया? भारतीय शासक मालदीव तक कैसे पहुंचे, इस बारे में अलग-अलग मत हैं। ज्यादातर स्कॉलर्स का मानना है कि चोल साम्राज्य से भी पहले वहां कलिंग राजा ब्रह्मदित्य का शासन था। ये 9वीं सदी की बात है। इसके बाद राजसी शादियों के जरिए वहां तक चोल वंश पहुंच गया। 11वीं सदी में मालदीप पर महाबर्णा अदितेय का शासन रहा, जिसके प्रमाण वहां आज भी शिलालेखों पर मिलते हैं।
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इससे पहले से ही बौद्ध धर्म भी वहां फल-फूल रहा था। ईसा पूर्व तीसरी सदी में वहां की ज्यादातर आबादी बौद्ध थी। हिंदू राजाओं के आने के बाद दोनों ही धर्म एक साथ बढ़ते रहे। अब भी वहां के 50 से ज्यादा द्वीपों पर बौद्ध स्तूप मिलते हैं। लेकिन ज्यादातर या तो नष्ट हो चुके, या तोड़े जा चुके। आखिरी बौद्ध राजा धोवेमी ने साल 1153 में इस्लाम अपना लिया और उनका नाम पड़ा- मुहम्मद इब्न अब्दुल्ला।
लेकिन ये हुआ कैसे
असल में इस द्वीप देश में लंबे समय से अरब व्यापारियों का आना-जाना था। शुरुआत में बात व्यापार तक रही, लेकिन धीरे-धीरे वे अपने धर्म का प्रचार करने लगे। राजा के धर्म परिवर्तन के बाद लगभग सारी आबादी ने मुस्लिम धर्म अपना लिया और देश का इस्लामीकरण हो गया। इस बात का जिक्र 'नोट ऑन द अर्ली हिस्ट्री ऑफ मालदीव्स' नाम की किताब में मिलता है। हिंद महासागर में स्थित ये द्वीप देश अब 98% मुस्लिम है। बाकी 2% अन्य धर्म हैं, लेकिन उन्हें अपने धार्मिक प्रतीकों को मानने या पब्लिक में त्योहार मनाने की छूट नहीं। यहां तक कि अगर किसी को मालदीव की नागरिकता चाहिए तो उसे मुस्लिम, वो भी सुन्नी मुस्लिम होना पड़ता है। मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर्स (MIA) यहां धार्मिक मामलों पर नियंत्रण करती है। अमेरिकी रिपोर्ट ने भी लगाई मुहर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने साल 2022 में मालदीव में रिलीजियस फ्रीडम पर एक रिपोर्ट जारी की। इसमें बताया गया कि वहां के द्वीप पर भगवान की मूर्तियां स्थापित करने के जुर्म में तीन भारतीय पर्यटकों को गिरफ्तार कर लिया गया था। देश में लगभग 29 हजार भारतीय रह रहे हैं, लेकिन या तो वे इस्लाम अपना चुके, या फिर अपना आधिकारिक धर्म छिपाते हैं।