
Chandrayaan का सफर शुरू, 40 दिन में कैसे पहुंचेगा चांद पर, जानिए !
इतना रोमांच तो भारत-पाकिस्तान के मैच भी नहीं होता है, जितना चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग में हुआ। करोड़ों भारतीयों की सांसें कुछ सेकेंडों के लिए ठहर सी गईं। जिसके बाद ISRO ने सफलता की नई इबारत लिखी। चंद्रयान 3 को सफलता के साथ पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया गया है और सतीश धवन अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन का हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

इतना तनाव तो भारत-पाकिस्तान के मैच भी नहीं होता है, जितना Chandrayaan 3 के लॉन्चिंग में हुआ। करोड़ों भारतीयों की सांसें कुछ सेकेंडों के ठहर सी गईं। जिसके बाद ISRO ने सफलता की नई इबारत लिखी। चंद्रयान 3 को सफलता के साथ पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया गया है। जिसके बाद सतीश धवन अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन का हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। 40 दिनों की यात्रा पूरी करने के बाद चंद्रयान-3 का रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। लेकिन आप ये समझना नहीं चाहेंगे कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा तक के सफर के लिए 40 दिन का वक्त क्यों लगेगा और क्यों चंद्रयान-3 का बजट, फिल्म आदिपुरुष से कम है, आइये जानते हैं।
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धरती से चांद की कुल दूरी 3.84 लाख किलोमीटर की है। रॉकेट का सफर कुल 36 हजार किलोमीटर का है। रॉकेट, रोवर को पृथ्वी के बाहरी ऑर्बिट तक ले जाएगा। बाहरी ऑर्बिट से बाद का सफर प्रोपल्शन मॉड्यूल से चांद के ऑर्बिट में पहुंचकर कई स्टेज में ऑर्बिट घटाएगा। 100 किलोमीटर के ऑर्बिट में पहुंचने पर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग आखिरी में लैंडर चांद पर उतरेगा।
ऐसे में ये भी समझ लीजिए कि चांद पर लैंडिंग ये खतरनाक क्यों है?
चांद पर वायुमंडल का न होना काफी खतरनाक साबित होता है, क्योंकि ऐसे में लैंडर के टूटने की ज्यादा संभावनाएं होती हैं। इसके अलावा लोकेशन बताने वाला GPS न होना भी एक बड़ी परेशानी है, जिससे लैंडर को सही जगह तक पहुंचाना एक बड़ा चैलेंज होता है। चांद के साउथ पोल पर साफ नहीं दिखना भी साइंटिस्ट्स के लिए एक बड़ी चुनौती होता है। लैंडर को सूर्य के विकिरण के असर से कोई सुरक्षा नहीं मिलती है, इसीलिए ये भी मिशन के लिए काफी खतरनाक होता है।

अब इसको बनाने में कितने पैसै या कहे खर्चा हुआ, ये भी जान लेते हैं। चंद्रयान-3 का बजट लगभग 615 करोड़ रुपए है, जबकि हाल ही में आई फिल्म आदिपुरुष की कॉस्ट 700 करोड़ रुपए थी यानि चंद्रयान-3 इस मूवी की कॉस्ट से करीब 85 करोड़ रुपए सस्ता है। इससे 4 साल पहले भेजे गए चंद्रयान 2 की लागत भी 603 करोड़ रुपए थी। हालांकि, इसकी लॉन्चिंग पर भी 375 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। अगर ये मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और रूस दोनों के चंद्रमा पर सक्सेसफुली उतरने से पहले कई स्पेस क्राफ्ट क्रैश हुए थे। ऐसे में करोड़ों देशवासियों की दुआ और उम्मीदें इस प्रोजेक्ट के साथ हैं।
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