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भारत के चंद्रयान-3 के बाद, रूस ने भी भेजा लूना-25

चंद्रमा पर उतरने से पहले कक्षा में अनुमानित पाँच से सात दिन बिताने होंगे।अगले वर्ष के लिए, लूना-25 फिर से चांद पर जाएगा और इसके लिए रूस ने तैयारी भी कर दी है।

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भारत के चंद्रयान-3 के बाद, रूस ने भी भेजा लूना-25
भारत के चंद्रयान-3 के बाद, रूस ने भी भेजा लूना-25

भारत के अलावा रूस भी नए सिरे से चंद्र मिशन शुरू कर रहा है। लूना-25 अंतरिक्ष यान के साथ तैयार एक रॉकेट ने उड़ान भरी है, जो 1976 से एक अंतराल के बाद चांद के लिए रवाना किया गया है। यह सब ठीक उसी समय हो रहा है जब भारत का तीसरा मानवरहित चंद्रयान-3 चांद पर भेजा है।

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रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने पुष्टि की कि रॉकेट मॉस्को से 5,550 किमी पूर्व में वोस्तोचन कॉस्मोड्रोम से शुक्रवार मॉस्को समयानुसार सुबह 2:11 बजे लॉन्च हुआ, इसके ऊपरी चरण ने एक घंटे बाद लैंडर को पृथ्वी की कक्षा से बाहर चंद्रमा की ओर बढ़ा दिया।यूक्रेन युद्ध के बाद रूस ने फिर से अपने अंतरिक्ष अभियान में तेजी दिखाई है। एक तरह से रूस फिर से दुनिया को दिखाना चाहता है कि वो सुपर पावर है।

इससे पहले रूस ने लूना-24 को चांद पर भेजा था जिसने नमूने एकत्र करने में 13 दिन बिताए थे।लूना-25 को पाँच दिनों में चंद्रमा की दूरी तय करने का अनुमान है, इसके बाद चंद्रमा पर उतरने से पहले कक्षा में अनुमानित पाँच से सात दिन बिताने होंगे।अगले वर्ष के लिए, लूना-25 फिर से चांद पर जाएगा और इसके लिए रूस ने तैयारी भी कर दी है।