2025 बना चांदी का सुपर ईयर, सोना रहा पीछे - मोतीलाल ओसवाल ने दिया साल 2026 के लिए आउटलुक
कई साल तक कमजोर प्रदर्शन के बाद 2025 में चांदी ने जबरदस्त वापसी की है। इस साल चांदी ने करीब 145 फीसदी का रिटर्न दिया, जो सोने के 77 फीसदी रिटर्न से लगभग दोगुना है। दिलचस्प बात यह है कि 2023 से 2025 के बीच चांदी का रिटर्न सिर्फ 7-11 फीसदी के दायरे में था, जबकि उसी अवधि में सोने ने 14 - 21 फीसदी का रिटर्न दिया था।

कई साल तक कमजोर प्रदर्शन के बाद 2025 में चांदी ने जबरदस्त वापसी की है। इस साल चांदी ने करीब 145 फीसदी का रिटर्न दिया, जो सोने के 77 फीसदी रिटर्न से लगभग दोगुना है। दिलचस्प बात यह है कि 2023 से 2025 के बीच चांदी का रिटर्न सिर्फ 7-11 फीसदी के दायरे में था, जबकि उसी अवधि में सोने ने 14 - 21 फीसदी का रिटर्न दिया था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑफ रिसर्च, नवनीत दमानी ने कहा कि 2025 की शुरुआत में चांदी करीब 1 लाख रुपये प्रति किलो थी। तब अनुमान था कि साल के अंत तक यह 1.40-1.50 लाख रुपये तक पहुंचेगी। लेकिन साल के बीच में ही कीमत 1.50 लाख रुपये को छू गई, जिसके बाद उनकी टीम ने पहले टारगेट 2 लाख रुपये और फिर 2.45 लाख रुपये प्रति किलो कर दिया।
नवनीत दमानी ने Business Today को दिए इंटरव्यू में कहा कि 2.45 लाख रुपये का जो स्तर हम 2026 के लिए देख रहे थे, वह 2025 में ही आ सकता है। ऐसे में अब नए टारगेट ढूंढना और निवेशकों को दोबारा पूरे भरोसे के साथ सलाह देना विश्लेषकों के लिए चुनौती बन गया है।
दमानी ने कहा कि 2025 कमोडिटी बाजार के लिए शानदार साल रहा है। सोना, चांदी और तांबे में बड़ी वैल्यू क्रिएशन दिखी, वहीं एल्युमिनियम भी तेजी में शामिल हुआ। कच्चे तेल की कीमतों में 17-18 फीसदी की गिरावट से इसमें करीब इतना ही नेगेटिव रिटर्न आया।
उन्होंने 2007- 08 के सबप्राइम संकट और 2011-12 की तेज उतार-चढ़ाव वाली अवधि को याद करते हुए कहा कि तब भी सोना-चांदी सुरक्षित निवेश के तौर पर उभरे थे। लेकिन मौजूदा तेजी जैसी रफ्तार पिछले 40-50 साल में देखने को नहीं मिली। उनके मुताबिक, 1980 में हंट ब्रदर्स के समय के बाद 2025 चांदी के लिए अब तक का सबसे बेहतरीन साल रहा है।
साल 2026 के लिए क्या है आउटलुक?
2026 के आउटलुक पर नवनीत दमानी ने कहा कि चांदी ने 2025 की शुरुआत से ही सोने को पीछे छोड़ा है। हालांकि तेजी बहुत तेज रही है, जिसे समझना निवेशकों के लिए मुश्किल हो सकता है। उन्होंने गोल्ड-सिल्वर रेशियो का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक औसत 40- 50 के मुकाबले अब करीब 65-66 पर है, यानी दोनों मेटल फिलहाल बैलेंस के करीब हैं।
दमानी की टीम 2026 के लिए सोने का बेस्ट-केस टारगेट 4,700-4,850 डॉलर और चांदी का 77 डॉलर मान रही है। उनका कहना है कि चांदी का 90 डॉलर का स्तर, जो पहले 2027-28 का अनुमान था, 2026-27 में ही हासिल हो सकता है। हालांकि उन्होंने निवेशकों को सावधान भी किया कि इतनी तेज तेजी के बाद किसी भी वक्त कीमतों में करेक्शन या कंसोलिडेशन हो सकता है।

