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Real Estate vs. Gold: अब सोने से ज्यादा फायदा दे रहा रियल एस्टेट, किराए और बढ़ती कीमत से मिल रहा डबल रिटर्न

अब तक भारतीय घरों में निवेश का सबसे भरोसेमंद जरिया सोना माना जाता रहा है, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। रिपोर्ट के अनुसार सोने से ज्यादा रिटर्न रियल एस्टेट में मिल रहा है।

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जहां पहले भारतीय घरों में सोना (Gold) ही सबसे भरोसेमंद निवेश माना जाता था, अब रियल एस्टेट (Real Estate) की ओर लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। आज के समय में प्रॉपर्टी न सिर्फ एक संपत्ति है, बल्कि हर महीने किराया और लॉन्ग टर्म रिटर्न का जरिया भी बन गई है।

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2034 तक तीन गुना होगा रियल एस्टेट मार्केट

नाइट फ्रैंक और CII की रिपोर्ट के अनुसार 2034 तक भारत का रियल एस्टेट सेक्टर $1.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। इस दौरान देश की करीब 42.5% आबादी शहरों में रहने लगेगी और 78 लाख नए घरों की जरूरत होगी। इसका मतलब निवेश के और भी बड़े मौके आगे बढ़ेंगे।

हर स्क्वायर फुट है कमाई का मौका

विनीत चेलानी जो एसेट डील्स के फाउंडर हैं कहते हैं कि सोना लॉकर में रखा रहता है लेकिन रियल एस्टेट शहरों का चेहरा बदल देता है। एक-एक स्क्वायर फुट अब अर्बन डेवलपमेंट में योगदान दे रहा है और आपको किराया + प्रॉपर्टी की कीमत में बढ़त, दोनों से कमाई मिलती है।

RERA से आया भरोसा 

RERA कानून के आने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ी है। बिल्डर्स को अब प्रोजेक्ट की 70% राशि एक अलग बैंक अकाउंट में रखनी होती है, जिससे निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहता है। डिंपल भारद्वाज के मुताबिक अब लोग इसे एक सुरक्षित निवेश मानने लगे हैं।

किराया और टैक्स छूट से दोहरी कमाई

रियल एस्टेट निवेश में एक फायदा प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने से और दूसरा हर महीने रेंटल इनकम से होता है। साथ ही बैंक 80% तक लोन देते हैं, जिससे कम रकम में भी बड़ी प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है। सेक्टर 102 या द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे क्षेत्रों में निवेश से अच्छे रिटर्न की उम्मीद है।

महामारी के बाद भी बनी रही डिमांड

नोएडा, पुणे और अन्य शहरों में रियल एस्टेट का किराया रिटर्न 2–4% तक पहुंच चुका है। विशेष रावत का कहना है कि लोगों को उभरते इलाकों में निवेश करना चाहिए ताकि कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिल सके। EMI भी रेंट से आसानी से भर दी जाती है।

2034 तक GDP में बड़ा योगदान

एक अनुमान के मुताबिक 2034 तक रियल एस्टेट सेक्टर भारत की GDP का 10.5% हिस्सा बन सकता है। यानि अब लोग सिर्फ सोने में नहीं बल्कि ईंट और सीमेंट में भी विश्वास दिखा रहे हैं। यह सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि देश की तरक्की का भी रास्ता है।