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नरक के द्वार खोलती हैं ये 4 गलतियां, प्रेमानंद महाराज ने नए साल पर भक्तों को किया सावधान - इन चीजों से रहें दूर

एक श्रद्धालु ने जब महाराज से पूछा कि नए साल की शुरुआत किन नियमों के साथ करनी चाहिए, तो महाराज ने जीवन सुधारने का एक स्पष्ट रोडमैप सामने रख दिया।

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Premanand Maharaj (Photo: Instagram)
प्रेमानंद महाराज बताया कि न्यू ईयर के जश्न का मतलब शराब पीना और मदिरा पीना नहीं होता है. (Photo: Instagram)

नए साल का जश्न मनाने के लिए देश भर के मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। इस बीच, वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने पहुंचे भक्तों ने उनसे नए साल को लेकर मार्गदर्शन मांगा। एक श्रद्धालु ने जब महाराज से पूछा कि नए साल की शुरुआत किन नियमों के साथ करनी चाहिए, तो महाराज ने जीवन सुधारने का एक स्पष्ट रोडमैप सामने रख दिया।

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शराब और मांस से दूरी ही असली सुख

प्रेमानंद महाराज ने दो टूक शब्दों में कहा कि नया साल केवल पार्टी करने या शोर मचाने का समय नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि शराब पीना, मांस खाना और हिंसा जैसे काम इंसान के लिए नरक के द्वार खोलते हैं। महाराज ने भक्तों को समझाते हुए कहा कि 'हैप्पी न्यू ईयर' कहकर नशा करना और गलत कामों में लिप्त होना खुशी नहीं, बल्कि भविष्य के दुखों का आमंत्रण है। उनके अनुसार, उत्सव के नाम पर बुराइयों को गले लगाना इंसान को पतन की ओर ले जाता है।

नए साल के लिए खास संकल्प

जीवन को खुशहाल बनाने के लिए प्रेमानंद महाराज ने कुछ कड़े लेकिन जरूरी संकल्पों का सुझाव दिया है। उन्होंने भक्तों से आग्रह किया कि इस साल न केवल शराब और मांस का त्याग करें, बल्कि क्रोध, चोरी और पराई स्त्री के प्रति गलत नजरिया रखने जैसी आदतों को भी छोड़ दें। महाराज ने जोर देकर कहा कि असली शांति नाम जप, भगवान की भक्ति और दान-पुण्य से आती है। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है, तो उसका केवल यह साल ही नहीं बल्कि पूरा जीवन मंगलमय हो जाएगा।

समाज और बच्चों को दी सीख

महाराज ने समाज और भावी पीढ़ी को लेकर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मनुष्य को यह जीवन राक्षसी कर्म करने के लिए नहीं मिला है। जो लोग पाप और बुरे आचरण में डूबे रहते हैं, उन्हें जीवन में केवल कठिनाइयां ही मिलती हैं। उन्होंने भक्तों से कहा कि हमें समाज के सामने एक बेहतर उदाहरण पेश करना चाहिए ताकि हमारे बच्चे भी सही रास्ते पर चल सकें।

भक्ति में खोजें असली खुशी

भक्तों को संबोधित करते हुए प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया कि सच्ची प्रसन्नता मदिरा या मांस में नहीं, बल्कि परमात्मा की शरण में है। उन्होंने प्रार्थना की कि लोग इस नव वर्ष पर अपनी बुराइयों को त्यागने का संकल्प लें और धर्म के मार्ग पर चलें। महाराज के अनुसार, जब मन शुद्ध होगा और कर्म अच्छे होंगे, तभी भगवान की कृपा बरसेगी और समाज में सुख-शांति आएगी।