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24 घंटे के अंदर टॉप पर पहुंची पंचायत सीजन 4, फुलेरा की कूकर-लौकी की लड़ाई में दर्शकों ने लूटा मजा

IMDb पर सीरीज को 9.0/10 की रेटिंग मिली है, हालांकि आलोचकों से इसे मिले-जुले रिव्यू मिले हैं। यह भारत में प्राइम वीडियो की टॉप 10 लिस्ट में पहले स्थान पर पहुंच गया है।

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Panchayat Season 4: अमेजन प्राइम वीडियो की चर्चित वेब सीरीज 'पंचायत' का चौथा सीजन मंगलवार 24 जून 2025 को रिलीज होते ही धूम मचा रहा है। रिलीज के 24 घंटे के अंदर यह भारत में प्राइम वीडियो की टॉप 10 लिस्ट में पहले स्थान पर पहुंच गया है। फुलेरा गांव की सादगी, राजनीति और हल्की-फुल्की कॉमेडी ने दर्शकों को फिर से बांध लिया है। IMDb पर सीरीज को 9.0/10 की रेटिंग मिली है, हालांकि आलोचकों से इसे मिले-जुले रिव्यू मिले हैं।

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द वायरल फीवर (TVF) द्वारा निर्मित इस सीजन में पंचायत चुनाव की पृष्ठभूमि पर कहानी बुनी गई है। मंजू देवी (नीना गुप्ता) और क्रांति देवी (सुनीता राजवार) के बीच सत्ता की रस्साकशी के बीच सचिव जी (जीतेन्द्र कुमार) अनजाने में राजनीतिक मोहर बन जाते हैं। 8 एपिसोड की यह सीरीज 35-50 मिनट की अवधि में गांव की राजनीति, इमोशन और हास्य का संतुलित मिश्रण पेश करती है।

जीतेन्द्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव, फैसल मलिक, चंदन रॉय और दुर्गेश कुमार जैसे कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों में गहराई और विश्वसनीयता भरी है। विशेष रूप से प्रधान जी और भूषण के किरदारों ने दर्शकों को खूब हंसाया है।

सीजन 4 की समाप्ति जिस अंदाज में हुई है, उसने संभावित पांचवें सीजन की ओर संकेत दे दिया है। बनराकस का पलड़ा इस बार भारी रहा, जिससे 'प्रधान जी की टोली' को नई रणनीति बनाने की चुनौती मिलती है।

'पंचायत 4' की सबसे बड़ी ताकत इसकी कहानी की जड़ें ग्रामीण भारत की सच्चाई में होना है। जहां बड़े-बड़े शोज ग्लैमर और एक्शन पर निर्भर हैं, वहीं 'पंचायत' अपनी सादगी, व्यंग्य और लोकल अंदाज से दर्शकों के दिलों में खास जगह बना चुकी है। चुनावी साजिशों, भावनात्मक उलझनों और रिश्तों की गर्माहट के बीच यह सीजन फिर से दर्शकों को हंसाने और सोचने पर मजबूर करता है। यही वजह है कि सीरीज न सिर्फ एंटरटेनमेंट देती है, बल्कि एक सांस्कृतिक अनुभव भी बन जाती है।