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Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल का दर्दनाक हमला,अर्थव्यवस्था की राह में आने वाली ये मुश्किलें

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास हुए आतंकी हमले ने देशभर को झकझोर कर रख दिया। हम आपको आर्टिकल में बताएंगे कि इस हमले से इकोनॉमी पर क्या असर पड़ेगा।

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Representative Image
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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास हुए आतंकी हमले ने देशभर को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई। यह हमला 2019 के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। अब इस हमले के बाद, कई पर्यटकों ने अपनी गर्मियों की कश्मीर यात्रा रद्द कर दी है। यह घटना जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को गहरे नुकसान की ओर ले जा सकती है, खासकर टूरिस्ट सेक्टर को, जो जम्मू-कश्मीर की जीएसडीपी (GDP) का 7-8% है। आइए जानते हैं इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ सकता है।

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टूरिस्ट इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान

टूरिस्ट जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था के लिए एक अहम हिस्सा है। इस आतंकी हमले के बाद, घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आ सकती है। इससे होटलों, टैक्सी, गाइड्स और छोटे दुकानदारों को सीधा नुकसान होगा। इस घटना के बाद कश्मीर पर्यटन (Kashmir Tourism) पर लंबा असर हो सकता है।

निवेश योजनाओं में रुकावट 

विशेषज्ञों के अनुसार, इस हमले के बाद निवेशक कश्मीर में निवेश करने से डर सकते हैं। इससे राज्य में निवेश के लिए प्रस्तावित 1.63 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स प्रभावित हो सकते हैं। यह जम्मू कश्मीर निवेश (Jammu Kashmir Investment) को भी प्रभावित करेगा।

J&K की GDP ग्रोथ पर असर

साल 2024-25 में जम्मू-कश्मीर की GDP ग्रोथ 7.06% रही थी, लेकिन अब इस हमले के बाद ये कम हो सकती है। बिजनेस और टूरिज्म पर असर पड़ने से राज्य की आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था (J&K Economy) को इन घटनाओं से जटिल परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

जम्मू-कश्मीर फिलहाल भारत की GDP में 0.8% का योगदान करता है। अगर पर्यटन और निवेश में गिरावट आई, तो इसका असर राष्ट्रीय GDP (National GDP) पर भी पड़ सकता है।

कैपिटा इनकम पर असर

साल 2024-25 में जम्मू-कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय ₹1.55 लाख थी, जो पिछले 10 साल में 148% बढ़ी थी। लेकिन, इस घटना के कारण, कैपिटा इनकम बढ़ोतरी को नुकसान हो सकता है। आर्थिक विकास (Economic Growth) में गिरावट से राज्य की कैपिटा इनकम पर भी असर पड़ सकता है।

सर्विस पर असर पड़ेगा

जम्मू-कश्मीर की 61.7% GSVA सेवाओं से आती है, जिसमें पर्यटन का बड़ा हिस्सा है। अगर पर्यटन कम हुआ, तो इस सेक्टर पर भी असर पड़ेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा। इस सेक्टर में मंदी (Economic Slowdown) से भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर असर

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर जम्मू-कश्मीर की जीएसवीए का 18.3% है। इस हमले के बाद, निवेशक नए प्रोजेक्ट्स में निवेश करने से कतराएंगे, जिससे कंस्ट्रक्शन सेक्टर (Construction Sector) और इंफ्रास्ट्रक्चर पर असर पड़ सकता है।

केंद्र सरकार की योजनाओं पर असर

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 971 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी, जिनमें निवेश की उम्मीद थी। अब इस हमले के बाद, निवेशकों की चिंता बढ़ सकती है और इन परियोजनाओं में देरी हो सकती है। इसका असर केंद्र सरकार की योजनाओं (Central Government Schemes) पर भी पड़ सकता है।

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निवेशकों का विश्वास घटा 

जो निवेशक जम्मू-कश्मीर को एक नए औद्योगिक हब के रूप में देख रहे थे, वे अब इस हमले के बाद अपना निवेश रोक सकते हैं। इससे राज्य में औद्योगिक विकास (Industrial Development) की गति धीमी हो सकती है।