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$1 = ₹90.14, पहली बार डॉलर के मुकाबले 90 रुपये को किया पार - इन वजहों से गिर रही है भारतीय करेंसी

पिछला बंद स्तर $1 = ₹89.86 था, लेकिन आज रुपया 28 पैसे फिसलकर $1 = ₹90.14 पर पहुंच गया। यह लगातार छठा कारोबारी सत्र है जब भारतीय मुद्रा में गिरावट देखने को मिली है। इससे पहले मंगलवार को भी रुपया $1 = ₹89.92 के निचले स्तर तक गिर गया था।

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Indian Rupee: भारतीय करेंसी 'रुपये' ने बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक नया ऐतिहासिक निचला स्तर छू लिया। शुरुआती कारोबार में रुपया 90 का स्तर पार कर गया, जो भारतीय मुद्रा के लिए एक बड़ी गिरावट है।

पिछला बंद स्तर $1 = ₹89.86 था, लेकिन आज रुपया 28 पैसे फिसलकर $1 = ₹90.14 पर पहुंच गया। यह लगातार छठा कारोबारी सत्र है जब भारतीय मुद्रा में गिरावट देखने को मिली है। इससे पहले मंगलवार को भी रुपया $1 = ₹89.92 के निचले स्तर तक गिर गया था।

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इन वजहों से गिर रहा है भारतीय रुपया

इस गिरावट के दो मुख्य कारण हैं। पहला- डॉलर की अधिक मांग और दूसरा- भारत-यूएस ट्रेड डील में हो रही देरी।

इस समय रुपये पर आयातकों की ओर से डॉलर की मांग का भारी दबाव है। वहीं, निर्यातकों की ओर से डॉलर की सप्लाई सीमित है, जिसके कारण भारतीय मुद्रा कमजोर हो रही है।

इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें भी कम हुई हैं। अमेरिका में उम्मीद से बेहतर रोजगार के आंकड़े आने के बाद ब्याज दर कटौती की संभावनाओं को झटका लगा है, जिससे डॉलर को मजबूती मिली है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वी.के. विजयकुमार ने रुपये की मौजूदा कमजोरी पर अपनी राय देते हुए कहा कि जब भारत-अमेरिका व्यापार समझौता हो जाएगा, तो रुपये का गिरना रुक जाएगा और इसमें सुधार भी आ सकता है। इसकी उम्मीद इस महीने है। हालांकि, इस समझौते के तहत भारत पर लगाए जाने वाले टैरिफ के ब्योरे पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा।

विदेशी निवेशकों का आउटफ्लो जारी

अगस्त के अंत में अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर कड़े टैरिफ लगाए थे। इसके बाद से विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी बाजार से 16.5 अरब डॉलर की निकासी की है।

इसी वजह से 2025 में भारतीय रुपया एशिया की सबसे कमजोर मुद्राओं में से एक बन गया है। इस साल 2025 में अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 5.17% की गिरावट आ चुकी है।