इस कॉरपोरेट एक्शन के बाद रडार पर ये डिफेंस स्टॉक! साल 2025 में दिया 126% का मल्टीबैगर रिटर्न
खबर लिखे जानें तक आज सुबह 10:15 बजे तक कंपनी का शेयर बीएसई और एनएसई पर 2.27% या 6.35 रुपये टूटकर 273.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था। BSE Analytics के मुताबिक इस शेयर ने निवेशकों का पैसा साल 2025 में यानी YTD आधार पर दोगुना करते हुए 126% का रिटर्न दिया है।

Defence Stock: 9,186.46 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली डिफेंस कंपनी, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (Apollo Micro Systems Ltd) के शेयरों में आज निवेशकों की नजर है। इसका कारण कंपनी द्वारा मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद दिया गया एक बड़ा अपडेट है।
खबर लिखे जानें तक आज सुबह 10:15 बजे तक कंपनी का शेयर बीएसई और एनएसई पर 2.27% या 6.35 रुपये टूटकर 273.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था। BSE Analytics के मुताबिक इस शेयर ने निवेशकों का पैसा साल 2025 में यानी YTD आधार पर दोगुना करते हुए 126% का रिटर्न दिया है।
कंपनी ने मंगलवार के अपने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि 2 जून 2025 को कंपनी द्वारा 3,80,67,058 वारंट (हर वारंट से 1 इक्विटी शेयर मिलेगा) 30 लोगों को प्रिफरेंशियल बेसिस पर दिए गए थे।
अब कंपनी ने बताया है कि कुछ निवेशकों - लता धीरज शाह, पियूष भूपेंद्र गाला, आदित्य कुमार हलवासिया, सुपरस्टार इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, SB ऑपर्च्युनिटी फंड I, सुब्बारामी रेड्डी ओरुगंटी, सुधर्शन चिलुवेरु और भाग्यलक्ष्मी चिलुवेरु ने अपने वारंट को शेयर में बदलने के लिए कुल ₹24,70,13,262 का भुगतान किया है और आवेदन जमा किया है।
इसके बाद कंपनी की सिक्योरिटीज अलॉटमेंट कमेटी ने 2 दिसंबर 2025 को 28,89,044 नए इक्विटी शेयर अलॉट करने की मंजूरी दे दी है।
इस अलॉटमेंट के बाद कंपनी की कुल पेड-अप शेयर कैपिटल बढ़कर ₹35,72,80,744 हो गई है, जो 35,72,80,774 इक्विटी शेयर के बराबर है।
हाल ही में रक्षा मंत्रालय से मिला है बड़ा लाइसेंस
कंपनी ने मंगलवार को ही एक अन्य फाइलिंग में यह भी बताया था कि उसे भारत सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) से इंडस्ट्रियल एक्सप्लोसिव्स और मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस की मंजूरी मिल गई है।
कंपनी को यह लाइसेंस मानवरहित हेलीकॉप्टर (Unmanned Aerial Systems) से जुड़े उपकरणों के निर्माण के लिए मिला है। इसके साथ ही कंपनी को Inertial Navigation Systems (INS) और Radar Equipment बनाने की भी अनुमति दी गई है। यह लाइसेंस रक्षा मंत्रालय (MoD) के लिए वर्तमान और भविष्य की मैन्युफैक्चरिंग परियोजनाओं में भाग लेने के लिए अनिवार्य है। कंपनी ने बताया कि यह लाइसेंस जारी होने की तारीख से 15 वर्षों तक वैलिड रहेगा।

