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GST on UPI Payments: ₹2,000 से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर लगेगा 18% का जीएसटी? लेटेस्ट अपडेट

ऐसी खबरें आ रही हैं की सरकार 2000 रुपये से ऊपर के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर 18% का जीएसटी लगा सकती है। पढ़िए पूरी खबर।

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GST on UPI Payments: यूपीआई (Unified Payments Interface) हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है और वर्तमान में यूपीआई से ट्रांजैक्शन करना एकदम फ्री है। यूपीआई ने देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन या ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

लेकिन ऐसी खबरें आ रही हैं की सरकार 2000 रुपये से ऊपर के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर 18% का जीएसटी लगा सकती है। अगर ऐसा होता है तो क्या आप यूपीआई का इस्तेमाल करना जारी रखेंगे या फिर कैश पर स्विच कर जाएंगे? मार्च के महीने में, भारत में यूपीआई के माध्यम से ट्रांजैक्शन 24.77 लाख करोड़ के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

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केंद्र सरकार कथित तौर पर ₹2,000 से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लगाने के प्रस्ताव की समीक्षा कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक निश्चित सीमा से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर अधिक GST लग सकता है, जिसके लिए सरकार समीक्षा करने की कोशिश कर रही है।

प्रस्ताव के तहत, UPI के माध्यम से किए गए डिजिटल पेमेंट जो एक ही ट्रांजैक्शन में 2,000 रुपये से अधिक है, उसे GST ढांचे के अंतर्गत लाया जा सकता है। 

इसका लक्ष्य टैक्स अनुपालन को बढ़ाना और औपचारिक अर्थव्यवस्था में अधिक डिजिटल लेनदेन लाना है। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है, तो इन हाई वैल्यू वाले लेनदेन पर 18 प्रतिशत GST लगाया जा सकता है, जो कि अधिकांश डिजिटल सेवाओं के लिए स्टेंडर्ड रेट है।

जीएसटी कलेक्शन बढ़ा

भारत का जीएसटी कलेक्शन फरवरी 2025 में 9.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग ₹1.84 लाख करोड़ हो गया। शनिवार, 1 मार्च को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सकल आधार पर, केंद्रीय जीएसटी से कलेक्शन ₹35,204 करोड़, राज्य जीएसटी ₹43,704 करोड़, एकीकृत जीएसटी ₹90,870 करोड़ और मुआवजा सेस ₹13,868 करोड़ रहा।