जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, 79 वर्ष की उम्र में ली आखिरी सांस
उनका इलाज नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था, जहां उन्होंने दोपहर करीब 1 बजे अंतिम सांस ली।

Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका इलाज नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था, जहां उन्होंने दोपहर करीब 1 बजे अंतिम सांस ली।
सत्यपाल मलिक लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रसित थे और उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 11 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मलिक जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल रहे, जिनके कार्यकाल के दौरान 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किया गया। संयोग से आज इस ऐतिहासिक निर्णय की छठी वर्षगांठ भी है।
अनुच्छेद 370 के हटने के बाद उन्हें गोवा और फिर मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अक्टूबर 2022 तक वे मेघालय के राज्यपाल पद पर रहे।
उनकी राजनीतिक यात्रा 1970 के दशक में एक समाजवादी नेता के रूप में शुरू हुई। 1974 में वे भारतीय क्रांति दल के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए बागपत से विधायक चुने गए। इसके बाद उन्होंने लोकदल के महासचिव के रूप में कार्य किया और 1980 से 1989 तक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया।
मलिक ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई दलों का दामन थामा जैसे- भारतीय क्रांति दल, कांग्रेस, जनता दल, और अंत में 2004 में वो भाजपा में शामिल हुए।
उनकी पहचान एक स्पष्टवादी और मुखर वक्ता के रूप में थी, जिन्होंने कई मौकों पर सत्ता प्रतिष्ठानों के खिलाफ भी सार्वजनिक रूप से राय रखी। उनका राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक दृष्टिकोण कई संवेदनशील क्षणों में अहम रहा, खासकर जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के दौरान।