Crisil Report: प्याज-टमाटर के कारण सस्ती हुई थाली, गिर गए वेज-नॉन वेज खाने की कीमत
Roti-Rice-Rate: CRISIL की रिपोर्ट में बताया गया है कि मई 2025 में घर की थाली की कीमत में करीब 6% की गिरावट आई है। इसका सीधा फायदा आम जनता को हुआ है।

अगर आपको लगता है कि इस बार महीने के आखिर में सब्जियों पर थोड़ा कम खर्च हुआ है, तो आपकी सोच बिल्कुल सही है। CRISIL की रिपोर्ट में बताया गया है कि मई 2025 में घर की थाली की कीमत में करीब 6% की गिरावट आई है। इसका सीधा फायदा आम जनता को हुआ है।
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह है सब्जियों के दाम में आई कमी। रिपोर्ट के मुताबिक, टमाटर की कीमत पिछले साल मई में ₹33 किलो थी, जो अब गिरकर ₹23 किलो रह गई है। यानी टमाटर के दाम करीब 29% घटे हैं।
वहीं प्याज के दाम 15% और आलू के दाम 16% तक नीचे आ गए हैं। पिछले साल इन तीनों सब्जियों के दाम ज्यादा थे क्योंकि कई राज्यों में फसल खराब हो गई थी। लेकिन इस बार फसल अच्छी रही और बाजार में सप्लाई भी ठीक रही, जिससे दाम नीचे आ गए।
जो लोग नॉन-वेज खाना पसंद करते हैं, उनके लिए भी राहत की खबर है। ब्रॉयलर चिकन, जो नॉन-वेज थाली का बड़ा हिस्सा होता है, उसकी कीमत में भी कमी आई है। इसकी वजह यह है कि कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में बर्ड फ्लू की चिंता के चलते चिकन की मांग कम हो गई।
वहीं सप्लाई ज्यादा हो गई, जिससे कीमतें नीचे आ गई। CRISIL के अनुसार ब्रॉयलर चिकन की कीमत में गिरावट के चलते नॉन-वेज थाली की कीमत भी करीब 6% कम हो गई है।
हालांकि थाली की कीमत और भी घट सकती थी, लेकिन कुछ चीजें ऐसी थीं जिन्होंने इस गिरावट को रोका। जैसे कि खाद्य तेल (Vegetable Oil) की कीमत में 19% की बढ़त दर्ज की गई। इसका कारण है आयात शुल्क (Import Duty) का बढ़ना। साथ ही LPG गैस सिलेंडर की कीमत में भी 6% की बढ़त हुई है, जिससे किचन का खर्च थोड़ा बढ़ गया।
CRISIL हर महीने घर में बनने वाली वेज और नॉन-वेज थाली की औसत कीमत का अनुमान लगाता है। वेज थाली में रोटी, चावल, दाल, दही, टमाटर, आलू, प्याज और सलाद शामिल होता है। नॉन-वेज थाली में दाल की जगह चिकन शामिल होता है। यह रिपोर्ट पूरे भारत के औसत बाजार भाव के आधार पर बनाई जाती है और बताती है कि आम आदमी के किचन पर कितना खर्च हो रहा है।

