iPhone Users भी इस्तेमाल कर सकेंगे Co-Pilot App
चैटजीपीटी को पिछले साल 30 नवंबर को लॉन्च किया गया था और एक महीने के भीतर इसके यूजर्स की संख्या दस करोड़ को पार कर गई थी। गूगल का चैटबॉट बार्ड LaMDA के लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर बेस्ड है।

Microsoft ने Apple के iOS यूजर्स के लिए नया Co-Pilot App लॉन्च किया है। यानी iPhone और ipad यूजर्स इस ऐप को इस्तेमाल कर सकेंगे। कंपनी ने हाल ही में एंड्रॉयड यूजर्स के लिए इसे पेश किया था। अब यह एप्पल के ऐप स्टोर पर यह नई ऐप डाउनलोड करने के लिए अवेलेबल हो गई है। कोपायलट ऐप का उपयोग वही यूजर्स कर पाएंगे, जो अपने डिवाइस को iOS 15, आईपैडOS 15 या बाद के ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) पर चला रहे हैं। इस ऐप के जरिए यूजर अपने AI चैटबॉट को एक नई सर्विस के रूप में इस्तेमाल कर पाएंगे। यह ऐप सर्च इंजन बिंग से अलग है और पूरी तरह से माइक्रोसॉफ्ट के AI टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। माइक्रोसॉफ्ट ने कुछ महीने पहले बिंग चैट का नाम बदलकर को-पायलट कर दिया था। शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट का AI बिंग सर्च इंजन का पार्ट था, जिसके सर्च रिजल्ट का इंटरफेस चैट-जीपीटी की तरह दिखता था। यह फीचर अब भी अवेलेबल है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट को-पायलट को एक अलग प्लेटफॉर्म के तौर पर प्रमोट कर रहा है। फंक्शनालिटी की बात करें तो माइक्रोसॉफ्ट के इस को-पायलट में चैट-जीपीटी की तरह ही सिमिलर फीचर्स हैं।
Also Read: PNB Share : 2024 में इस सरकारी बैंक की कैसी रह सकती है चाल? पढ़िए पूरा विश्लेषण
यह ओपन-AI के लेटेस्ट GPT-4 मॉडल का फ्री एक्सेस देता है। यह ऐप चैटबॉट के साथ इंटरेक्शन करने की सुविधा देता है। DELL-E3 की मदद से इमेज क्रिएट करने के साथ-साथ ईमेल लिखने और डॉक्यूमेंट बनाने में मदद करता है। माइक्रोसॉफ्ट के इस असिस्टेंट में वॉइस इनपुट देने का ऑप्शन भी मिल जाता है। चीजों को सर्च या एक्सेस करने के लिए ऐप में इमेज और टेक्स्ट इनपुट का ऑप्शन भी मिलता है। नया को-पायलट ऐप गूगल प्ले-स्टोर पर अवेलेबल है और 5 हजार से ज्यादा लोगों ने इसे डाउनलोड भी कर लिया है। फिलहाल इसका iOS वर्जन अवेलेबल नहीं है, लेकिन कंपनी के मुताबिक, यह जल्द ही अवेलेबल हो जाएगा। तबतक, iOS यूजर्स बिंग ऐप पर को-पायलट फीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। AI की दुनिया में फिलहाल माइक्रोसॉफ्ट के बड़े निवेश वाली कंपनी OpenAI का ChatGPT सबसे आगे है। चैटजीपीटी को पिछले साल 30 नवंबर को लॉन्च किया गया था और एक महीने के भीतर इसके यूजर्स की संख्या दस करोड़ को पार कर गई थी। गूगल का चैटबॉट बार्ड LaMDA के लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर बेस्ड है।