अब नौकरी देना आसान! HR के लिए AI बना रामबाण
AI ने अब नौकरी देने के तरीके को भी बदल दिया है। आर्टिकल में जानते हैं कैसे।

आज टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि हर दिन कुछ नया देखने को मिल रहा है। उसी में से एक है AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जिसने अब नौकरी देने के तरीके को भी बदल दिया है। पहले लोग इस टेक्नोलॉजी से डरे हुए थे, लेकिन अब कंपनियां इसे अपनाकर काम को आसान बना रही हैं।
HR की मुश्किलें कम करता है AI
हर कंपनी में HR की जिम्मेदारी होती है सही लोगों को नौकरी पर रखना। लेकिन एक ही पोस्ट के लिए सैकड़ों-हजारों लोग अप्लाई करते हैं। ऐसे में सबका रिज्यूमे पढ़ना और सही कैंडिडेट चुनना बहुत मुश्किल होता है। AI इन सबका हल बन गया है।
Gigin Ai के सीईओ और फाउंडर सुरिंदर भगत ने बताया कि AI सॉफ्टवेयर बहुत सारे रिज्यूमे एक साथ पढ़ सकता है और जो कैंडिडेट सही लगते हैं, उन्हें खुद छांट लेता है। इससे HR का टाइम बचता है और गलती की संभावना भी बहुत कम हो जाती है।
इसके अलावा AI की मदद से इंटरव्यू की डेट, टाइम और लोकेशन खुद से भेजी जा सकती है। कैंडिडेट को बार-बार फोन करने की जरूरत नहीं पड़ती। कुछ टूल्स तो ऑटोमैटिक चैट भी करते हैं, जिससे कैंडिडेट को तुरंत जवाब मिल जाता है। सुरिंदर भगत ने यह भी कहा कि AI इंटरनेट पर डेटा देखकर यह पता लगाता है कि कौन लोग नौकरी ढूंढ रहे हैं। फिर जॉब का ऐड उन्हीं तक पहुंचाया जाता है। इससे अच्छी और एलिजिबल कैंडिडेट मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
कुछ एडवांस AI टूल्स कैंडिडेट की बॉडी लैंग्वेज, आंखों की हलचल और चेहरे के भाव को देखकर यह समझ सकते हैं कि वह सच बोल रहा है या नहीं। इससे झूठ बोलने वालों को पहचानना आसान हो जाता है। AI सिर्फ डेटा पर काम करता है। वो किसी के नाम, जाति, धर्म या लिंग के आधार पर फैसला नहीं करता। इसलिए इस प्रोसेस में कोई भेदभाव नहीं होता है।
फायदे ही फायदे
सुरिंदर भगत ने कहा कि AI की मदद से नौकरी देना बहुत तेज हो गया है। सही लोग आसानी से मिल जाते हैं और कंपनी को कम समय में बढ़िया कर्मचारी मिल जाता है। साथ ही कर्मचारी भी इस प्रोसेस को बेहतर मानते हैं क्योंकि इसमें देरी नहीं होती।
हालांकि AI बहुत काम करता है, लेकिन HR की इंसानी समझ, अनुभव और भावना भी जरूरी होती है। इसलिए AI और इंसान दोनों मिलकर काम करें, तो सबसे अच्छा नतीजा आता है।