बाजार में उठा-पटक के बीच दौड़ा ये स्मॉल कैप स्टॉक! पांच साल में दिया 1600% से ज्यादा का रिटर्न
₹50 से कम वाला ये छोटू स्टॉक ने पिछले 5 साल में निवेशकों को 1641.88 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। चेक करें आपके पोर्टफोलियो में है क्या?

Penny Stock: शेयर बाजार में आज काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है लेकिन इस बीच लॉजिस्टिक सेक्टर की स्मॉल कैप कंपनी, सिंधु ट्रेड लिंक्स लिमिटेड (Sindhu Trade Links Ltd) के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।
₹50 से कम वाला ये छोटू स्टॉक दोपहर 2:11 बजे तक एनएसई पर 3.62% या 0.98 रुपये की तेजी के साथ 28.04 रुपये पर ट्रेड कर रहा था तो वहीं बीएसई पर स्टॉक 2.69% या 0.73 रुपये चढ़कर 27.87 रुपये पर कारोबार कर रहा था। खबर लिखे जानें तक इस शेयर का मार्केट कैप 4,297.36 करोड़ रुपये है।
5 साल में 1600% से ज्यादा रिटर्न
इस शेयर ने निवेशकों को बीते 6 महीने में 73.54% का रिटर्न दिया है। इसके अलावा शेयर ने पिछले 5 साल में निवेशकों को 1641.88 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
Sindhu Trade Links Q1FY26 Results
Q1FY26 में कंपनी को ₹18.79 करोड़ का मुनाफा हुआ था जो पिछले साल इसी तिमाही में मुनाफा ₹71.49 करोड़ था। हालांकि, पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) में कंपनी को ₹58.97 करोड़ का घाटा हुआ था, तो उस हिसाब से यह सुधार माना जा सकता है।
कंपनी की कुल कमाई (Revenue from Operations) भी घटी है। Q1FY26 में यह ₹165.34 करोड़ रही, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में ₹554.09 करोड़ थी।
ट्रांसपोर्टेशन, लॉजिस्टिक्स, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेगमेंट ने Q1FY26 में ₹104.14 करोड़ की कमाई की, जो पिछले साल के ₹105.71 करोड़ से थोड़ी कम है। इस सेगमेंट का EBIT घटकर ₹18.74 करोड़ रह गया, जो पिछले साल ₹24.42 करोड़ था।
ओवरसीज कोल माइनिंग और ट्रेडिंग सेगमेंट में भी गिरावट रही। इस सेगमेंट की कमाई ₹30.04 करोड़ और EBIT ₹8.70 करोड़ रहा।
कुल मिलाकर कंपनी की आय और मुनाफा दोनों में गिरावट देखी गई है, लेकिन पिछली तिमाही के नुकसान से उबरना एक पॉजिटिव साइन है।
सिंधु ट्रेड लिंक्स के बारे में
सिंधु ट्रेड लिंक्स लिमिटेड परिवहन, लॉजिस्टिक्स, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में काम करती है। कंपनी देश-विदेश में कोयला खनन और ट्रेडिंग सेवाएं भी देती है।
इसका मुख्य फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर और भारी उद्योगों से जुड़े कामों पर रहता है। हाल के वर्षों में कंपनी ने अपने बिजनेस को डायवर्सिफाई किया है और ओवरसीज प्रोजेक्ट्स में भी भागीदारी बढ़ाई है।
इसके अलावा, कंपनी सार्वजनिक और प्राइवेट सेक्टर के साथ कई लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स पर काम करती है।