Sensex, Nifty crash: ₹9 लाख करोड़ स्वाहा! जानिए गिरावट के कारण
लगातार छठे दिन शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। BSE पर 7 में से हर 6 स्टॉक्स गिर गए। निफ्टी 1.06% की गिरावट के साथ 24,141 पर लेवल पर ट्रेड कर रहा है। आइये समझते हैं कि बाजार में गिरावट क्यों बढ़ी और आगे कैसी चाल रह सकती है?

लगातार छठे दिन शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। BSE पर 7 में से हर 6 स्टॉक्स गिर गए। निफ्टी 1.06% की गिरावट के साथ 24,141.30 पर लेवल पर ट्रेड कर रहा है। आइये समझते हैं कि बाजार में गिरावट क्यों बढ़ी और आगे कैसी चाल रह सकती है?
BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र में लगभग ₹444 लाख करोड़ से घटकर लगभग ₹435 लाख करोड़ पर पहुंच गया। जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग ₹9 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है।
क्यों आई गिरावट?
बेंचमार्क इंडेक्स कमजोर तिमाही नतीजों और अमेरिकी चुनावों से पहले अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी के कारण टूट रहा है। लगातार FIIs की बिकवाली भी निवेशकों को चिंतित कर रही है और 'डिप्स पर खरीदना' की रणनीति भी फेल ही रही है। शुक्रवार को घरेलू इंडेक्स के लिए लगातार गिरावट का छठा दिन है। पिछले 10 सेशन्स में इंडेक्स 8 मौकों पर गिरे हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स को और भी बड़ा झटका लगा है।
Midcap और smallcap इंडेक्स 2 से 3 प्रतिशत गिर गए। IndusInd Bank और RBL Bank ने तिमाही नतीजों के बाद स्टॉक में तेज गिरावट देखी गई। वहीं Bajaj Auto और अन्य ऑटो शेयर हाल ही में त्योहारों की मांग की चिंताओं के कारण नीचे रहे हैं।
ब्रोकरेज की राय
ICICI Securities का कहना है कि ऐतिहासिक रूप से पिछले दो दशकों में 7-10 प्रतिशत की गिरावट एक सामान्य घटना है। ऐसी स्थिति में खरीदारी मीडियम टर्म के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसलिए मौजूदा समय में अच्छी क्वालिटी वाले लार्ज कैप स्टॉक्स को समझदारी से पोर्टफोलियो में लिया जा सकता है, क्योंकि प्रमुख निफ्टी सपोर्ट 23,900 पर रखा गया है, जबकि चुनाव परिणाम के दिन 9 प्रतिशत की गिरावट अगस्त के लोअर लेवल 23,894 के साथ मेल खाती है।
Geojit Financial Services के वी के विजयकुमार का कहना है कि इस महीने FIIs की अभूतपूर्व बिक्री के साथ जो महीने ₹98,085 करोड़ तक पहुंच गई है। 'डिप्स पर खरीदने' की रणनीति बस काम नहीं कर रही है। FY25 के रिजल्ट्स लगातार खराब आ रहे हैं। कमजोर Q2 रिजल्ट्स, निवेशकों की भावनाओं को थोड़ा मंदी के मोड में लाने के लिए जिम्मेदार हैं। पॉजिटिव पहलू यह है कि म्यूचुअल फंड में फ्लो बना हुआ है। DII की मदद से FIIs बिकवाली का असर कम देखना जा रहा है। वरना बाजार में और गिरावट बढ़ सकती थी। बाजार में 7 प्रतिशत की गिरावट हो चुकी है सिर्फ लार्ज कैप फाइनेंशियल्स में स्थिति थोड़ी बेहतर है।