Share Market से रिटर्न ने प्रॉपर्टी और गोल्ड को भी छोड़ा पीछे!
भारतीय निवेशकों ने प्रॉपर्टी और गोल्ड से ज्यादा मुनाफा शेयर बाजार में निवेश से कमाया है। इक्विटी पर इंवेस्टर्स को बीते 25 साल के दौरान किसी भी 5 साल की ड्यूरेशन में सबसे ज्यादा रिटर्न मिला है।

भारतीय निवेशकों ने प्रॉपर्टी और गोल्ड से ज्यादा मुनाफा शेयर बाजार में निवेश से कमाया है। इक्विटी पर इंवेस्टर्स को बीते 25 साल के दौरान किसी भी 5 साल की ड्यूरेशन में सबसे ज्यादा रिटर्न मिला है।
अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली की स्टडी के मुताबिक बीते एक दशक में भारतीय परिवारों की संपत्ति में करीब 717 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। जिसमें से करीब 11 परसेंट हिस्सेदारी इक्विटी से हुई इनकम की है। अगर अलग निवेश विकल्पों से इक्विटी इंवेस्टमेंट पर मिले रिटर्न का मुकाबला करें तो रिपोर्ट के मुताबिक इक्विटी ने 25 साल के पीरियड में 15 फीसदी CAGR के हिसाब से रिटर्न दिया है। वहीं गोल्ड ने 11.1 परसेंट, बैंक FD ने 7.3 फीसदी और देश के सात बड़े शहरों में रियल एस्टेट की वैल्यू महज 7 फीसदी बढ़ी है।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में इसके अलावा भी निवेश से जुड़े कई दिलचस्प दावे किए गए हैं जिनके मुताबिक भारतीय परिवारों ने 10 साल में शेयर बाजार से करीब 84 लाख करोड़ रुपए की कमाई की जिसके लिए उन्होंने केवल 3 फीसदी इन्वेस्टमेंट किया। नई कंपनीज के फाउंडर्स को मिलाकर इंडियन फैमिलीज ने 10 साल में 819 लाख करोड़ रुपए की कमाई की। इक्विटी शेयरों से हुई इनकम की हिस्सेदारी करीब 1 लाख करोड़ रुपए यानी 20 परसेंट रही यानी प्रमोटर्स ने भी करीब 84 लाख करोड़ रुपए कमाए। इक्विटी निवेशकों को ये रिटर्न पाने के लिए 30.7 फीसदी के हाई वोलैटिलिटी का सामना करना पड़ा। जबकि गोल्ड में 11.3 परसेंट और बैंक FD में 1.6 फीसदी का उतार-चढ़ाव रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों का इक्विटी में निवेश जल्द 10 फीसदी हो सकता है। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक बीते 10 साल में भारतीय शेयरों में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 8 फीसदी से बढ़कर 23.4 परसेंट तक पहुंच गई है। 2013 में ये हिस्सेदारी 15.7 फीसदी और 2018 में 20 परसेंट थी।
इस ट्रेंड के मुताबिक, हाल के बरसों में शेयर बाजार में कॉमन इंडियन की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। देश में सभी लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 10 साल में साढ़े 4 गुना हो गया है। मार्च 2014 तक इनका टोटल मार्केट कैप 101 लाख करोड़ रुपए था। जो अब बढ़कर अब करीब 437 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
इस हिसाब से भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार है। दुनियाभर की कंपनियों के मार्केट कैप में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 4.3 फीसदी हो गई है। जो 2013 में 1.6 परसेंट के निचले स्तर पर थी। बाजार में लेनदेन बढ़ने के चलते देश में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स कलेक्शन भी अब तेजी से बढ़ रहा है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।