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अमेरिका पर आई इस रिपोर्ट ने दुनिया में मचाई खलबली!

PwC की रिपोर्ट ने दुनियाभर के बिजनेस सेक्टर में खलबली मचा दी है। PwC के लेटेस्ट पल्स सर्वे में दावा किया गया है कि अमेरिका जल्द ही मंदी की चपेट में आ सकता है। इस रिपोर्ट ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर मंडराते खतरे को उजागर किया है। इस सर्वे में शामिल अमेरिकी बिजनेस एक्सिक्यूटिव्स मानते हैं कि मंदी का खतरा अभी भी बरकरार है।

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PwC की रिपोर्ट ने दुनियाभर के बिजनेस सेक्टर में खलबली मचा दी है। PwC के लेटेस्ट पल्स सर्वे में दावा किया गया है कि अमेरिका जल्द ही मंदी की चपेट में आ सकता है। इस रिपोर्ट ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर मंडराते खतरे को उजागर किया है। इस सर्वे में शामिल अमेरिकी बिजनेस एक्सिक्यूटिव्स मानते हैं कि मंदी का खतरा अभी भी बरकरार है। 

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पल्स सर्वे के मुताबिक

61 फीसदी बिजनेस एक्सिक्यूटिव्स का मानना है कि अगले छ महीनों में अमेरिका मंदी का सामना कर सकता है। ये आंकड़े जून 2024 के 49 फीसदी के मुकाबले काफ़ी बढ़ गए हैं

फेडरल रिजर्व की हालिया ब्याज दर कटौती और गिरती हुई महंगाई दर के बावजूद ये बढ़ोतरी बेहद चिंताजनक है। रिपोर्ट में अमेरिकी बिजनेस एक्सिक्यूटिव्स ने माना है कि मंदी का खतरा केवल आर्थिक नहीं बल्कि राजनीतिक वजहों से भी है। चुनावी अनिश्चितता, लेबर मार्केट में धीमापन और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कमजोर बना दिया है। 

सर्वे की खास बातें

अगला राष्ट्रपति कमला हैरिस हों या डोनाल्ड ट्रम्प, बिजनेस लीडर्स को नए आर्थिक और राजनीतिक जोखिमों का सामना करना पड़ेगा। ट्रम्प ने जहां 10 फीसदी टैरिफ का प्रस्ताव देकर बिजनेस ग्रोथ के धीमा होने की आशंका बढ़ाई है। वहीं हैरिस ने 28 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स की बात कहककर निवेश को सीमित करने का खतरा बढ़ा दिया है।

भले ही फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरों में कटौती की हो और महंगाई दर में भी कमी आई हो लेकिन आर्थिक सुधार पर बिजनेस एक्सिक्यूटिव्स का भरोसा उतना मज़बूत नहीं है। वो मानते हैं कि कुछ प्रमुख इंडेक्टर्स में सुधार हुआ है लेकिन इसके बावजूद आर्थिक मंदी का खतरा टला नहीं है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के इन दोनों उम्मीदवारों की योजना पर PwC सर्वे में शामिल बिजनेस एक्सिक्यूटिव्स में से 75 फीसदी ने माना कि अगर अमेरिका में 10 परसेंट यूनिवर्सल इंपोर्ट टैरिफ लागू किया जाता है तो इसका उनके कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ेगा। साथ ही अगर कॉरपोरेट टैक्स को 28 फीसदी तक बढ़ा दिया जाता है तो वो घरेलू निवेश में कटौती करने को मजबूर हो जाएंगे। 71 परसेंट बिजनेस लीडर्स का मानना है कि चाहे कोई भी राष्ट्रपति बने व्यापार और टैक्स नीतियां अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं। 

यानी अमेरिका में चुनाव के बाद ऐसा कोई भी कदम लागू होने पर मंदी का खतरा गहराने की आशंका है। रिपोर्ट में एक और बड़ी चिंता का विषय साइबर सुरक्षा को बताया गया है। PwC सर्वे में शामिल बिजनेस एक्सिक्यूटिव्स में से 75 फीसदी एक्सिक्यूटिव्स ने साइबर खतरों को मध्यम या गंभीर जोखिम बताया है। हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े कानूनी और दूसरे जोखिम उभरने के बावूजद साइबर सुरक्षा सबसे बड़ा खतरा है। PwC सर्वे के हिसाब से अमेरिकी सरकार की नीतियां और चुनावी मुद्दे बिजनेस सेक्टर पर गहरा असर डाल सकते हैं। रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि 76 फीसदी एक्सिक्यूटिव्स को आशंका है कि चुनाव के बाद अमेरिकी सरकार डिवाइडेड होगी जिसका असर व्यापार और नीतियों पर पड़ेगा। सर्वे में राज्य सरकारों और रेगुलेटरी एजेंसियों को कारोबार पर सबसे ज्यादा असर डालने वाली संस्थाओं में गिना गया है। तीसरी तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 2.8 फीसदी की दर से बढ़ी जो पिछली तिमाही के 3 परसेंट से थोड़ी कम है। इसकी प्रमुख वजह कंज्यूमर खर्च में आई गिरावट है।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। निवेश निर्णय लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।
 

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।