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BSE पर पैनी स्टॉक्स पर रहेगी अब कड़ी नज़र

बाजार नियामक सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा माइक्रो-स्मॉल कैप कंपनियों को सोमवार से बढ़ाए गए निगरानी ढांचे के बाद अब कई पैनी स्टॉक्स में तेज़ गिरावट देखी गई।एक्सचेंजों ने शुक्रवार को एक सर्कुलर में कहा कि 500 करोड़ रुपये से कम के बाजार पूंजीकरण वाली इन माइक्रो-स्मॉलकैप कंपनियों को गतिविधियों को अब अब दो चरणों में निगरानी में रखा जाएगा।

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BSE पर पैनी स्टॉक्स पर रहेगी अब कड़ी नज़र
BSE पर पैनी स्टॉक्स पर रहेगी अब कड़ी नज़र

बाजार नियामक सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा माइक्रो-स्मॉल कैप कंपनियों को सोमवार से बढ़ाए गए निगरानी ढांचे के बाद अब कई पैनी स्टॉक्स में तेज़ गिरावट देखी गई। एक्सचेंजों ने शुक्रवार को एक सर्कुलर में कहा कि 500 करोड़ रुपये से कम के बाजार पूंजीकरण वाली इन माइक्रो-स्मॉलकैप कंपनियों को गतिविधियों को अब अब दो चरणों में निगरानी में रखा जाएगा। इस खबर के बाद बीएसई पर लिस्ट 50 पैनी स्टॉक्स 5-13% के बीच गिर गए। जोंजुआ ओवरसीज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जो 12% गिरकर 8.35 रुपये पर आ गया। कुछ अन्य शेयरों में ईपीआईसी एनर्जी, हरिया एक्सपोर्ट्स, नेक्सस सर्जिकल, इंडो-सिटी इंफोटेक, गिलाडा फाइनेंस एंड इंवेस्टमेंट्स, गंगा फार्मास्युटिकल्स, ईशान इंफ्रास्ट्रक्चर्स, कंट्री कॉन्डोस, ओटीको इंटरनेशनल, जेनलैब्स एथिका, सफा सिस्टम्स, कौशल्या इंफ्रास्ट्रक्चर और आस्तमंगलम फाइनेंस शामिल थे, जो 5 से 10% तक गिर गए। 

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बढ़ी हुई निगरानी के तहत, अब ये पैनी स्टॉक कम से कम 90 दिनों की अवधि के लिए निगरानी में रहेंगे। एक्सचेंज के मुताबिक नए फ्रेमवर्क के तहत कोई पैनी स्टॉक 90 कैलेंडर दिनों को पूरा करने के बाद एग्जिट हो सकेगा। जो ट्रेडर इस ढांचे के तहत शेयरों में ट्रेड करना चाहते हैं, उन्हें 100% अग्रिम मार्जिन का भुगतान करना होगा। एक्सचेंजों ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ढांचे से बाहर कर दिया है। 

बढ़ी हुई निगरानी के तहत, अब ये पैनी स्टॉक कम से कम 90 दिनों की अवधि के लिए निगरानी में रहेंगे
बढ़ी हुई निगरानी के तहत, अब ये पैनी स्टॉक कम से कम 90 दिनों की अवधि के लिए निगरानी में रहेंगे

बढ़ी हुई निगरानी का उद्देश्य निवेशकों को शेयरों में असामान्य मूल्य के बारे में सूचित करना है ताकि ट्रेडर या निवेशकों को ऐसे पैनी स्टॉक्स में 
नुकसान कम हो। इस तरह का कदम समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की विस्फोटक रिपोर्ट के बाद जनवरी के अंत में अडानी के शेयरों में देखी गई भारी अस्थिरता के मद्देनजर आया है। रिपोर्ट के बाद से कई अडानी शेयरों को एक्सचेंजों द्वारा अतिरिक्त निगरानी में रखा गया था।

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।