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IRFC के स्टॉक में जबरदस्त तेजी! इस एक खबर के बाद 'राजधानी' के स्पीड से भाग रहा शेयर - Details

स्टॉक में आज यह तेजी कंपनी द्वारा दी गई एक लेटेस्ट जानकारी के बाद आई है जो कंपनी ने बीते बुधवार 24 दिसंबर को बाजार बंद होने के बाद जारी किया था।

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Railway PSU Stock: इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (Indian Railway Finance Corporation Ltd) के शेयरों में आज जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। कंपनी का शेयर सुबह 10:17 बजे तक बीएसई पर 6.01% या 7.30 रुपये चढ़कर 128.75 रुपये पर ट्रेड कर रहा था और एनएसई पर 5.98% या 7.26 रुपये की तेजी के साथ 128.75 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

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बीएसई पर स्टॉक आज 122.50 रुपये पर खुला था और अभी तक इसने अपना इंट्राडे हाई 130.20 रुपये को टच कर लिया है।

स्टॉक में आज यह तेजी कंपनी द्वारा दी गई एक लेटेस्ट जानकारी के बाद आई है जो कंपनी ने बीते बुधवार 24 दिसंबर को बाजार बंद होने के बाद जारी किया था।

इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (IRFC) ने अपने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि उसने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के साथ ₹9,821 करोड़ का रुपये आधारित टर्म लोन एग्रीमेंट किया है।

इस लोन का इस्तेमाल DFCCIL द्वारा वर्ल्ड बैंक (IBRD) से लिए गए पुराने फॉरेंन करेंसी लोन को रिफाइनेंस करने के लिए किया जाएगा। यह कर्ज ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) प्रोजेक्ट के लिए लिया गया था। लोन की पूरी राशि जारी भी कर दी गई है।

इस रिफाइनेंसिंग के जरिए DFCCIL विदेशी मुद्रा कर्ज से निकलकर रुपये आधारित कर्ज में आ गई है। इससे उसे डॉलर-रुपये के उतार-चढ़ाव का जोखिम कम होगा, कर्ज चुकाने की योजना ज्यादा स्थिर होगी और उसकी आय (जो रुपये में है) से बेहतर तालमेल बनेगा। इससे कुल मिलाकर कैश फ्लो मैनेजमेंट सुधरेगा।

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर देश की एक प्रमुख राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है, जिसका मकसद माल ढुलाई को तेज और सस्ता बनाना है। इससे पैसेंजर ट्रेनों की लाइनों पर भीड़ कम होगी, लॉजिस्टिक्स बेहतर होंगे, ट्रांजिट टाइम घटेगा और उत्तर व पूर्वी भारत में औद्योगिक विकास को मजबूती मिलेगी।

कंपनी के बारे में

IRFC की स्थापना 1986 में रेल मंत्रालय की वित्तीय इकाई के रूप में की गई थी। तब से यह भारतीय रेलवे की बड़ी परियोजनाओं के लिए कम ब्याज दर पर लंबी अवधि का फंड जुटाने में अहम भूमिका निभा रहा है। नवरत्न CPSE होने के नाते अब IRFC रेलवे से जुड़े अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर जैसे बिजली, माइनिंग, कोयला, वेयरहाउसिंग, टेलीकॉम, मेट्रो रेल, फ्रेट कॉरिडोर, पोर्ट्स और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स में भी फाइनेंसिंग कर रहा है। खास बात यह है कि IRFC का एनपीए शून्य है।

वहीं DFCCIL, रेल मंत्रालय की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो देश में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के विकास, संचालन और रखरखाव का काम करती है। ये कॉरिडोर भारतीय रेलवे की भविष्य की फ्रेट जरूरतों और लॉजिस्टिक्स सुधार के लिए बेहद अहम हैं।

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Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।