
HAL Share Price: इस डिफेंस कंपनी को मिला अमेरिकी कंपनी का साथ, शेयर में तेजी
तेजस एक ऐसा फाइटर जेट है ..जो जितना हल्का है...उतना ही घातक है। आत्मनिर्भर भारत की ये वो शान, है जिसके मुरीद आज दुनिया के कई मुल्क हैं। आज इसी सिंगल इंजन फाइटर जेट की बदौलत मेक इन इंडिया की दुनिया में जयकार हो रही है।

हल्के लड़ाकू विमान एमके-2 और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की पहली दो स्क्वॉड्रन के इंजन अब देश में ही बनेंगे। तेजस मार्क 2 का वजन मिराज, जगुआर और ग्रिपेन के समान होगा, यानी इसका वजन 17.5 टन होगा। इस विमान में भारी स्टैंड-ऑफ हथियार की क्षमता होगी। DRDO के मुताबिक अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड मिलकर ये इंजन बनाएंगी।अमेरिका से इसकी सभी मंजूरी मिल गई है...कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने इसी साल 30 अगस्त को तेजस मार्क 2 लड़ाकू विमानों के निर्माण की मंजूरी दी थी। ये विमान चरणबद्ध तरीके से मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 लड़ाकू विमानों की जगह लेगा। तेजस एमके 2 का निर्माण 2027 तक कर लिया जाएगा...DRDO GE-414 इंजन के साथ एयरक्राफ्ट विकसित करेगा। GE-414, GE-404 का एडवांस्ड वर्जन है। GE-404 इंजन मौजूदा 83 फाइटर विमान में लगा है। ये 83 फाइटर जेट अगले कुछ सालों में भारतीय एयरफोर्स में शामिल हो जाएंगे।
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तेजस मार्क-1 की तुलना में मार्क-2 ज्यादा एडवांस फाइटर जेट होगा और इसमें इंजन भी ज्यादा ताकतवर होगा...और इसकी रफ्तार मैक 2 यानी 3,457 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी...जबकि ईंधन क्षमता 3,400 किलोग्राम होगी। इस विमान के लिए अभी तक जो लक्ष्य तय किया गया है...उसके मुताबिक ये विमान दिसंबर 2024 तक पहली उड़ान भर सकता है...और इसके 2028 तक बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है।
ग्राफिक्स आउट
जबकि एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी AMCA की पहली उड़ान में सात साल लग सकते हैं और इसे शामिल करने में 10 साल लग सकते है। तेजस एक ऐसा फाइटर जेट है ..जो जितना हल्का है...उतना ही घातक है..आत्मनिर्भर भारत की ये वो शान. है जिसके मुरीद आज दुनिया के कई मुल्क हैं...आज इसी सिंगल इंजन फाइटर जेट की बदौलत मेक इन इंडिया की दुनिया में जयकार हो रही है क्योंकि ये है भारत का वो भरोसेमंद हथियार जिसको देख दुश्मन भी दहल जाता है ...अब भारतीय वायुसेना को इंतजार और ज्यादा ताकतवर मार्क 2 का है जो भारत की सैन्य ताकत को नई ऊंचाइयां देगा। इन लडाकू विमानों का निर्माण HAL और GE मिलकर करेगी।
