FII को पसंद आ रहे ये छुटकू स्टॉक, इन कंपनियों में बढ़ा दी 54 फीसदी तक हिस्सेदारी
Sensex-Nifty: शेयर बाजार में जहां विदेशी निवेशकों के निकासी के कारण गिरावट आई है। वहीं, दूसरी तरफ FII ने कई स्मॉल-कैप कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी 54 फीसदी तक बढ़ा ली है।

Share Market Update: 25 अप्रैल 2025 (शुक्रवार) को शेयर बाजार के दोनों सूचकांक लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। बाजार में आई इस बिकवाली के पीछे ग्लोबल मार्केट से आए कमजोर संकेत है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों द्वारा हो रहे निकासी का असर भी स्टॉक मार्केट पर पड़ा है। हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार जहां पिछले वित्त वर्ष में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से निकासी की है वहीं कुछ शेयर्स में अपनी हिस्सेदारी भी बढ़ा दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने पिछले कारोबारी साल में 1.27 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। यह आउटफ्लो काफी ज्यादा है। वहीं, उन्होंने कई स्मॉल-कैप शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। पिछले साल अक्टूबर 2024 में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से निकासी करना शुरू कर दिया था। एफआईआई के इस आउटफ्लो के कारण स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट देखने को मिला और बाजार में अस्थिरता आ गई।
यहां बढ़ गई FII की हिस्सेदारी
Ace Equity के अनुसार मार्च 2024 तक विदेशी संस्थागत निवेशकों के पास आईकॉनिक स्पोर्ट्स एंड इवेंट्स में कोई हिस्सेदारी नहीं थी, लेकिन मार्च 2025 तक विदेशी निवेशकों के पास 53.85 फीसदी की हिस्सेदारी हो गई। वहीं, दूसरी तरफ एफआईआई ने ब्लू पर्ल एग्रीवेंचर में 23.24 फीसदी की हिस्सेदारी कर ली है। इसी तरह अब एलीटकॉन इंटरनेशनल में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 15 फीसदी से बढ़कर 38.30 फीसदी हो गई है।
इन शेयर में किया निवेश
पिछले वित्त वर्ष में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने एराय लाइफस्पेस, अहिंसा इंडस्ट्रीज, सुदर्शन फार्मा इंडस्ट्रीज, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक, वन ग्लोबल सर्विस प्रोवाइडर, एमओएस यूटिलिटी, वन प्वाइंट वन सॉल्यूशंस, पशुपति कॉटस्पिन, जीई वर्नोवा टीएंडडी इंडिया, वर्टेक्सप्लस टेक्नोलॉजीज, यूनिफिन्ज कैपिटल इंडिया, होम फर्स्ट फाइनेंस कंपनी इंडिया, चेकपॉइंट ट्रेंड्स, स्पाइसजेट और इंडस टावर्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली है। इन सभी कंपनियों में एफआईआई की हिस्सेदारी 10 फीसदी से ज्यादा है।
वापस आ रहे FII
विदेशी निवेशकों ने जहां पिछले साल निकासी का रूख अपनाया था। वहीं, अब वह भारतीय शेयर बाजार में वापसी कर रहे हैं। अमेरिका के टैक्स कटौती और टैरिफ पॉलिसी के कारण विदेशी निवेशकों ने आउटफ्लो करना शुरू किया था। अब इंडियन मार्केट के डेवल्पमेंट कैपेसिटी ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है। मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार भारत अगर अपनी फेमस पॉलिसी को स्थिर रखता है और बाजार की अनुकूल परिस्थिति पेश करता है तो इससे विदेशी निवेशकों को बढ़ावा मिल सकता है।